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हार्डिग्स हटाने का मामला:न्यास ने माना अवैध,तो क्या निगम कर रहा है अवैध वसूली

खुलासा न्यूज,बीकानेर। शहर में सौन्दर्यकरण को लेकर अतिक्रमण हटाने के अभियान के चलते शनिवार को नगर विकास न्यास ने अनेक इलाकों से हार्डिग्स और यूनिपोल हटाएं। दो विभागों की आपसी समन्वय की कमी के चलते हुई इस कार्यवाही करीब 50 पोलस को तोड़ा गया है। जानकारी मिली है कि यूआईटी तहसीलदार कालूराम की अगुवाई में की गई इस कार्यवाही में पॉलिटेक्निक कॉलेज,पंचशती सर्किल,मेडिकल कॉलेज चौराहा,डूंगर कॉलेज के पीछे वाली रोड,मेजर पूर्ण सिंह सर्किल के आसपास के क्षेत्रों के हार्डिग्स को हटाया गया। इस कार्यवाही का स्थानीय ठेकेदारों ने विरोध जताया है। ठेकेदारों का कहना है कि जब नगर निगम में उन्हें निविदा प्रक्रिया के जरिये हार्डिग्स लगाने की अनुमति दे रही है तो फिर नगर विकास न्यास इन्हें अवैध बताकर किस तरह हटा रही है। जबकि नगर निगम आयुक्त ने नगर विकास न्यास को 11 जून को एक पत्र लिखकर पूर्व में ही हार्डिग्स संचालकों की बजाय निगम अधिकारियों से संपर्क साधने की बात कही। ऐसे में न तो नगर निगम के अधिकारियों को पूर्व में सूचना दी गई और न ही ठेकेदारों को।
विभागों में आपसी समन्वय नहीं
मजे की बात तो यह है कि दो सरकारी विभाग के आपसी समन्वय की कमी है। जबकि जिले का मुखिया नगर विकास न्यास का अध्यक्ष है। ऐसे में विभागों के आपसी समन्वय नहीं होने का खामियाजा जनता और निविदाओं के जरिये काम करने वाले भोग रहे है।
तो क्या अब तक निगम कर रहा था अवैध वसूली
सवाल यह उठता है कि नगर विकास न्यास की ओर से तोड़े जा रहे हार्डिग्स व यूनिपोल अगर अवैध है तो नगर निगम की ओर से इस विज्ञापन ठेका कंपनियों से लाखों के ठेके आवंटित कर उनकी राशि निगम कोष में जमा करवाई। यदि न्यास तोड़े गये हार्डिग्स अवैध तो इनकी निगम वसूली कर रहा है। बताया जा रहा है कि निगम की ओर से कोरोना काल में शहर में विभिन्न स्थानों पर लगे हार्डिग्स व यूनिपोल के नये ठेके नहीं हुए है। जिन ठेका कंपनियों को पूर्व में ठेका दिया गया उनको भी आगामी आदेश तक आगे बढ़ा दिया।
नगर सीमांकन को लेकर ऊहापोह के हालात
उधर नगर निगम की ओर से विज्ञापन हार्डिग्स व यूनिपोल के लिये निविदा निकाली जाती है। इसमें नगर निगम व नगर विकास न्यास की सीमा क्षेत्र के अलग अलग निविदाएं निकाली जाती है। कागजी खानापूर्ति के बाद साईटों के बंटवारे कर दिए जाते है। ठेका कंपनियों को राशि जमा करवाने के बाद आदेशों के साथ नक्शे भी दिएं जाते है। ऐसे में आपसी समन्यवय की कमी होने के कारण बाद में सीमांकन का विवाद कर हार्डिग्स व यूनिपोल हटाने की कार्यवाहियों को अवैध बता दिया जाता है। जिसका खामियाजा ठेकेदारों को सीधे तौर पर होता है।
ठेकेदारों को हुआ नुकसान,कौन करेगा इसकी पूर्ति
कोरोना काल में पहले से ही मंदी की मार झेल रहे स्वतंत्र पब्लिसिटी,एनएस पब्लिसिटी सहित अनेक हार्डिग्स ठेका कंपनियां के हटाएं गये हार्डिग्स व यूनिपोल से हुए आर्थिक नुकसान हुआ है। विभागीय समन्वय कमी के चलते न्यास इन्हें अवैध तो निगम इन्हें वैध हार्डिग्स बता रहा है। दोनों विभागों के अधिकारी अपने अपने तर्क दे रहे है। किन्तु इन तर्कों के बीच नुकसान तो पोल टूटने वाले ठेकेदार का ही हुआ है। क्योंकि ठेकेदार विज्ञापन प्रदर्शन के लिये निगम ने तो लाइसेंस स्वीकृति भी निगम की ओर से दी गई है। लेकिन ये लगे हुए न्यास क्षेत्र में है। ऐसे में अब यह कौन तय करे कि ठेका आदेश देने के समय निगम व न्यास का क्षेत्र कौनसा है।
वर्जन
नगर विकास न्यास ने नगर निगम को ऐसे  हार्डिग्स व यूनिपोल हटाने के लिये पूर्व में किसी प्रकार की सूचना नहीं दी। जबकि हमनें पूर्व में ही न्यास सचिव को एक पत्र लिखकर इस तरह की किसी भी कार्यवाही से पहले निगम अधिकारियों से संपर्क करने की बात कही। किन्तु न्यास तहसीलदार ने ऐसा नहीं किया और बिना सूचना के ही हार्डिग्स व यूनिपोल हटा दिए।
ए एच गौरी,आयुक्त नगर निगम
न्यास की ओर से हटाएं गये हार्डिग्स व यूनिपोल अवैध थे। जिन्हें शनिवार को हटा दिए गये। यह कार्यवाही न्यास सचिव के निर्देश पर की गई है।
कालूराम,तहसीलदार नगर विकास न्यास

क्या कहते है ठेकेदार
जिन साइटस को न्यास अवैध कह रहा है। वे सभी वैध है। जिसका प्रमाण नगर निगम की ओर से विज्ञापन दाता ठेका कंपनी को दिए गये कार्यादेश है। इसके साथ निगम ने साइट के नक्शे भी आदेश के साथ दिए थे। उन्हीं आदेश व साईट प्लान के आधार पर हार्डिग्स लगाएं गये है। जिनकी निविदा में तय राशि भी जमा करवा दी गई। अब इन्हें अवैध घोषित कर तोडऩा न्याय संगत नहीं है। तोड़े गये हार्डिग्स व यूनिपोल के हुए नुकसान का हर्जाना संबंधित फर्म को दिया जावें।
उरज पटेल,ठेकेदार

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