
अधर में अटकी प्रदेश के दो लाख कर्मचारियों की तबादले की खुशियां





प्रदेश के दो लाख कर्मचारियों की तबादले की खुशियां अब आचार संहिता के फेर में उलझ गई है। पहली बार कोरोना की वजह से सभी विभागों में ऑनलाइन आवेदन लिए जाने के बाद से कर्मचारियों को तबादला सूचियों का इंतजार है। पहले पंच-सरपंच चुनाव और अब नगर निकायों की आचार संहिता के कारण विभागों की ओर से सूची जारी नहीं हो पा रही है। सबसे ज्यादा इंतजार शिक्षा, चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों को है। कर्मचारियों की सबसे बड़ी चिन्ता यह है कि यदि अब तबादला सूची जारी नहीं हुई तो फिर पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्य व 129 नगर निकायों की आचार संहिता लागू होने से मामला फिर अटक सकता है। हालांकि पिछले दिनों कई मंत्रियों ने नगर निगमचुनावों के बाद तबादला सूची जारी करने का दावा किया था। सूत्रों के अनुसार बड़े विभागों में अगले महीने तबादले किए जाने की संभावना है।
1.60 लाख से ज्यादा आवेदन
शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा, पंचायतीराज, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, जलदाय, विद्युत, स्वायत्त शासन विभाग, रीको, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित 16 विभागों की ओर से पिछले महीने तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इनमें 1.60 लाख से अधिक आवेदन हुए हैं। अकेले शिक्षा विभाग में 50 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं।
दो विभागों ने किए तबादले तो शुरू हुआ विवाद
पिछले दिनों चिकित्सा विभाग व संस्कृत शिक्षा की ओर से कुछ कर्मचारियों की तबादला सूची जारी की गई। इस दौरान कुछ संगठनों ने आचार संहिता का मखौल उड़ाने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग को शिकायत दी। इसके बाद केवल आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी हुई है।
ये 2 वजह भी
1. सरकार नहीं चाहती किसी तरह का विरोध
सरकार 129 निकाय व पंचायत समिति सदस्य एवं जिला परिषद सदस्यों के चुनाव से पहले तबादले करने के मूड में भी नहीं है। क्योंकि हर बार तबादलों को लेकर विरोध भी होता है।
2. संगठन पदाधिकारियों को तरजीह
कांगे्रस ने पिछले महीने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मुलाकात के लिए संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें कार्यकर्ताओं ने कई विभागों में तबादले नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई थी। ऐसे में कांग्रेस पहले कार्यकारिणी बनाने की तैयारी में भी है, ताकि तबादलों को लेकर बाद में कोई सवाल नहीं उठे।


