कलक्टर से ही करवा लो जांच….! पीबीएम अधीक्षक का यह जबाब,कहां गई सरकार की संवेदनशीलता

कलक्टर से ही करवा लो जांच….! पीबीएम अधीक्षक का यह जबाब,कहां गई सरकार की संवेदनशीलता

बीकानेर। एक ओर तो राज्य व केन्द्र सरकार कोरोना को लेकर निजी व सरकारी अस्पताल प्रबंधकों को सतर्क रहने तथा लापरवाही न बरतने के दिशा निर्देश दे रखे है। इस संदर्भ में अभी तीन चार दिन पहले ही अति मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने एक पत्र भी सभी अस्पताल अधीक्षकों को दिए है। उसके बाद भी बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल ने लापरवाही की हदें पार कर दी है। लगातार पीबीएम की लापरवाही से न केवल पीबीएम कोरोना संक्रमण की एक कड़ी बनता जा रहा है। जिसकी शिकायत पूर्व महापौर मकसूद अहमद ने जिला कलक्टर को गुरूवार को की। जिम्मेदार पद पर बैठे पीबीएम अधीक्षक मो सलीम की एक नादानी हरकत ने कोरोना काल में होने वाली मौत परिजनों के लिए दोहरा आघात पहुंचाया। जिसके कारण परिजन के जाने का दुख तो दूसरा कोरोना जांच के लिए घंटों इंतजार की पीड़ा भोगने का मजबूर होना पड़ा। कोरोना काल में सामान्य मौत होने पर भी मृतक की कोरोना जांच कराई जाती है। ऐसे में मृतक का सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजते हैं है। जांच रिपोर्ट आने में 8 से 10 घंटे का समय लग रहा है। इतने लंबे समय तक परिजन मृतक की देह पाने के लिए चिकित्सकों व प्रशासन के आगे गिड़गिड़ाते नजर आते हैं। बुधवार रात को भी पीबीएम अस्पताल में एक ऐसा मामला हुआ। मौत के करीब तीन घंटे बाद तक शव वार्ड में पड़ा रहा।
तीन घंटे वार्ड में ही पड़ा रहा शव
सांड़वा हाल बासी बरसिंहसर निवासी 22 वर्षीय महिला संगीता पत्नी संजय कुमार को प्रसव पीड़ा के चलते 9 जून को रात करीब दस बजे पीबीएम के जनाना अस्पताल लेबररूम में भर्ती कराया गया। उसी रात प्रसूता ने करीब साढ़े 12 बजे सामान्य प्रसव से लड़के को जन्म दिया। 10 जून की शाम को तबीयत बिगड़ गई और शाम सात बजे पी वार्ड में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि मृतका के शव को किसी ने हाथ तक नहीं लगाया और शव करीब ढाई घंटे तक वार्ड में बैड पर ही पड़ा रहा। वार्ड में ड्यूटी चिकित्सकों ने सीनियर चिकित्सकों को मामले की जानकारी देते हुए कोविड-19 की जांच के लिए टीम भेजने की बात कही लेकिन रात 11 बजे तक कोई सैम्पल लेने नहीं आया। इसके बाद परिजनों के एक रिश्तेदार ने पीबीएम अधीक्षक डॉ. मोहम्मद सलीम को फोन कर तीन घंटे तक सैम्पल नहीं लेने की जानकारी दी लेकिन कोई  सुनवाई नहीं हुई।
परिजन आक्रोशित, कलक्टर को की शिकायत
प्रसूता की मौत होने के चार-पांच घंटे तक भी मृतका का सैम्पल एसपी मेडिकल कॉलेज की कोरोना जांच लैब में नहीं पहुंचा। इसका पता चलने पर परिजनों ने पीबीएम अधीक्षक डॉ. मोहम्मद सलीम से स ंपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिससे परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों ने देररात को ही इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी जिला कलक्टर को दे दी।
कलक्टर से ही करवा लो जांच
गौर करने वाली तो यह है कि जब मृतका के परिजन ने जब जिला कलक्टर को फोन कर अधीक्षक मो सलीम की शिकायत की। तो उनकी शिकायत से नाराज अधीक्षक मो सलीम का जबाब था कि कलक्टर को शिकायत की है तो जांच भी उन्हीं से करवा लो। ऐसे में खुलासा ने जब मामले की जानकारी के लिये फोन किया तो अधीक्षक ने फोन तक उठाना उचित नहीं समझा। ऐसे में एक जिम्मेदार पद पर बैठे अधीक्षक की यह हरक त ने सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़ा रही है। अधीक्षक की हठधर्मिता के चलते करीब ढाई बजे बाद सैम्पल जांच लैब में पहुंचा।
बृजमोहन, मृतक का रिश्तदार
आखिर प्रशासन व सरकार चुप क्यों
मजे की बात तो यह है कि पीबीएम में कही न कही सरकार दोगले व्यवहार का दर्शा रही है। मो सलीम से पहले अधीक्षक पद पर आसीन डॉ पी के बेरवाल को एक गलती का खामियाजा भोगना पड़ा। जबकि मो सलीम द्वारा संवेदनहीनता दिखाने के बाद और बार बार पीबीएम का कोरोना संक्रमण की कड़ी के रूप में जुडऩा। लापरवाही का ही नतीजा दिख रहा है। जिसको लेकर सरकार गंभीर दिखाई दे रही है। हालात ये है कि इसकी शिकायत कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने जिला कलक्टर व अपनी ही सरकार के चिकित्सा मंत्री को करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

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