
ऊर्जा और आध्यात्मिक स्फूर्णा का पर्व गुरु पूर्णिमा – दंडी स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती






ऊर्जा और आध्यात्मिक स्फूर्णा का पर्व गुरु पूर्णिमा – दंडी स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती
बीकानेर।गुरु पूर्णिमा का पर्व विलक्षण ऊर्जा और आध्यात्मिक स्फूर्णा का उत्सव है जो अध्यात्म के प्रति निष्ठा को विकसित करता है।अखिल भारतीय धर्म संघ के अध्यक्ष करपात्री स्वामी जी के शिष्य दंडी स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती जी ने करपात्री स्वामी निरंजनदेव तीर्थ कीर्ति प्रन्यास देवीकुंड सागर में 21 जुलाई को आयोजित होने वाले गुरु पूर्णिमा महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए ये बात कही।उन्होंने कहा कि भगवान व्यास के जन्मोत्सव का यह अवसर अनंत काल से गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि गुरु का अर्थ होता है अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला। वेद व्यास जी ने वेद विभाजन एवं पुराणों की रचना कर सभी लोगों के योग्यता एवं पात्रता अनुसार कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया ।ये भगवान विष्णु के अवतार भी है इसलिए इस दिन गुरु पूजन किया जाता है ।
करपात्री स्वामी निरंजनदेव तीर्थ कीर्ति प्रन्यास राम लक्ष्मण भजनाश्रम के व्यवस्थापक दंडी स्वामी श्रीधरानंद सरस्वती ने आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 21 जुलाई को प्रात: 10 बजे पादुका पूजन से कार्यक्रम प्रारंभ होगा,जिसके पश्चात संतों के आशीर्वचन होंगे तथा देश भर से आने वाले शिष्य गुरु पूजन कर आशीर्वाद ग्रहण करेंगे।उन्होंने बताया कि 12 बजे से ही आश्रम में विशाल भोजन प्रसाद के भंडारे का आयोजन होगा।
कार्यक्रम आयोजन से जुड़े ट्रस्टी मांगीलाल भोजक एवम श्याम व्यास ने बताया कि दंडी स्वामी सर्वेश्वरानंद जी सरस्वती एवम दंडी स्वामी श्रीधरानंद जी सरस्वती जी का बीकानेर की सारस्वत धरा पर उपलब्ध होना जनसाधारण के लिए बड़ी उपलब्धि है।उन्होंने सभी धर्मानुरागी लोगों से इस अवसर पर देवीकुण्ड सागर स्थित आश्रम में आकर दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करने का आग्रह किया है।


