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30 जून को कई शुभ संयोगों में शुरू होगी गुप्त नवरात्रि

बीकानेर। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी कारण गुप्त नवरात्रि का पर्व हर कोई नहीं मनाता है। इस समय की गई साधना जन्मकुंडली के समस्त दोषों को दूर करने वाली तथा चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाली होती है। इसका सबसे महत्वपूर्ण समय मध्य रात्रि से सूर्योदय तक अधिक प्रभावशाली बताया गया है। आषाढ़ माह में पडऩे वाली नवरात्रि को भी गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में साधक महाविद्याओं के लिए खास साधना करते हैं।
ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति से बढ़ा महत्व
इस साल गुप्त नवरात्रि के पहले दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति इस दिन का महत्व बढ़ा रही हैं। गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, आडल योग और विडाल योग बन रहे हैं। इस दिन ध्रुव योग सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र 01:07 जुलाई 01 तक रहेगा। इसके अलावा पुष्य नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में इन सभी योगों को शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना गया है।
गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त – 30 जून 2022, सुबह 11:57 से 12:53 मिनट तक।
घट स्थापना मुहूर्त – 30 जून 2022, सुबह 5:26 मिनट से 6:43 मिनट तक।

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