शहर में बढ़ता कोरोना संक्रमण:लापरवाह कौन प्रशासन या जनता ? - Khulasa Online शहर में बढ़ता कोरोना संक्रमण:लापरवाह कौन प्रशासन या जनता ? - Khulasa Online

शहर में बढ़ता कोरोना संक्रमण:लापरवाह कौन प्रशासन या जनता ?

जयनारायण बिस्सा
बीकानेर। बीकानेर में कोरोना का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। पिछले तीन दिनों की ही बात करें तो करीब 81 नये कोरोना पॉजिटिव केस सामने आये है। जो कही न कही शहर के लिये नये खतरे का संकेत दे रहे है। इसको लेकर अब शहरवासियों में चर्चाएं भी जोर शोर से शुरू हो गई है और सोशल मीडिया पर आमजन को घरों में रहने की अपील की जाने लगी है। किन्तु साथ ही कुछ अनचाहे सवाल भी खड़े किये जा रहे है कि आखिर शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के लिये जिम्मेदार कौन है। कई इसके लिये आम जनता को दोषी मान रहे है तो कई जिला प्रशासन को। खुलासा ने इस मुद्दे पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं जानी तो सामने आएं कि दोष दोनों तरफ से है। जहां लॉकडाउन के दौरान प्रशासन ने सख्ताई से सरकारी एडवाजरी की अनुपालना करवाई। वहीं अन लॉक डाउन में हालात कुछ अलग ही नजर आएं।
प्रशासन को दोष के अनेक तर्क दिएं
लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से जारी एडवाजरी के तहत जब रात 9 से 5 तक कफ्र्यू की हिदायत दे रखी है। तो उसके बाद भी शहर के अन्दुरूनी क्षेत्रों के साथ साथ अनेक थाना क्षेत्रों में देर रात तक होटल,दुकानें खुली रहती है। मंजर ये है कि इनको कहने वाला कोई नहीं है। हां पुलिस के मोटरसाईकिल के जवान जरूर अपनी डयूटी के तहत एक या दो चक्कर लगाकर इतिश्री कर रहे है। किन्तु जो प्रतिष्ठान सरकार की तय एडवाजरी के बाद खुले है। उनके प्रति प्रशाासन व पुलिस का प्रेम समझ से परे है। इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर प्रतिष्ठित लोगों के यहां दावतों के दौर चले। जिसमें 50 से ज्यादा लोगों का जमावड़ा भी हुआ। ऐसे में यहां देर रात गश्त करने वाली थाना पुलिस इस बात से अनभिज्ञ रही। यह भी सोचने वाला प्रश्न है। मजे की बात तो यह है कि सरकारी कार्यालयों सरकारी एडवाजरी की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। इसकी भी किसी को कोई खबर नहीं। यह भी आश्चर्य की बात है। गौर करने वाली बात तो यह है कि न तो सरकारी विभागों में आने जाने वालों को सेनेटराईज करवाया जाता है और न ही रात 9 बजे बाद सड़कों पर घूमने वालों पर कोई कार्यवाही की जाती है।
कफ्र्यू क्षेत्र में नहीं है सख्ताई
हालात ये है कि जिन इलाकों से पॉजिटिव आ रहे है। वहां नाममात्र का कफ्र्यू लगाया जा रहा है। स्थिति यह है कि इन इलाकों में भी क्षेत्र के लोग व पॉजिटिव के परिजन इधर उधर घूमते नजर आते है। जिनकी शिकायत संबंधित थाना क्षेत्र में आस पडौसियों के द्वारा की जाती है। तो उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। यहीं नहीं जिन परिवारों में पॉजिटिव केस आएं है और उनके परिजनों की सैम्पिलिंग की गई हो। वे लोग भी बाजार में खुलेआम घूमते नजर आते है। जबकि पहले होम क्वारेन्टाइन करने की स्थिति मेें प्रशासन व चिकित्सा विभाग द्वारा लगाएं गये कार्मिक की मॉनिटरिंग की जाती थी। पर अब ऐसा नहीं हो रहा है। जिससे लगता है कि सरकार व जिला प्रशासन कोरोना स ंक्रमण को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
जनता भी कम दोषी नहीं
उधर कई लोगों ने इसके लिये जनता को भी दोषी माना है। उनका कहना है कि जब सरकार ने रात 9 बजे बाद कफ्र्यू लगा रखा है तो फिर आमजन देर रात तक मोहल्लों में हथाई व पाटों पर मसखरी क्यों करते है। कुछ लोगों ने कहा कि यह केवल सरकार या प्रशासन की अकेले की जिम्मेदारी नहीं आम जनता भी कोरोना की गंभीरता को समझे और अपने शहर को सुरक्षित रहने के लिये सरकारी एडवाजरी की अनुपालना जरूर करें। एक जने ने तो यहां तक कह दिया कि जिस शहर में हेलमेट पहनने से परहेज हो उस शहर के लोग मॉस्क पहनने के प्रति गंभीर नहीं है। देखने में यह भी आया है कि शहरवासी दावतों में जाने व भीड़भाड़ करने में भी पीछे नहीं है। लोगों की माने तो सड़कों पर गुटखा थूकने और सरकारी कायदों को तोडऩे में भी शहरवासी पीछे नहीं है। इसलिये कोरोना के बढ़ते खतरे के लिये जनता की लापरवाही भी कम नहीं।
बीकानेर बाजार बंद करवाने की चर्चा
कई जनों ने शहर में कोरोना के कहर को देखते हुए एक बार फिर से बीकानेर में सख्त लॉकडाउन के पक्ष में है। लोागों का कहना है कि अब समय आ गया है कि जिला प्रशासन को सरकार से वार्ता कर आगामी 15 दिनों के लिये कठोर लॉकडाउन लगा दें ताकि इसका संक्रमण रूक सके। अन्यथा आने वाले समय में हालात विकराल हो सकते है। उधर कुछ युवकों ने बाजारों के खुलने का समय पूर्व की भांति निर्धारित करने की बात कहते हुए इसे 6 बजे तक करने की बात कही है।
खुलासा की अपील,स्वयं भी समझे जिम्मेदारी
खुलासा ने आमजन से अपील की है कि स्वयं की जिम्मेदारी को समझते हुए जिलेवासियों को सरक ारी एडवाजरी की अनुपालना करनी चाहिए। सैम्पिलिंग करवाने वाले संदिग्ध भी रिपोर्ट आने तक अपने घरों में रहे ताकि आस पडौस अथवा अपने चित परिचित संक्रमित न हो। अभी तक आएं संक्र मितों में अधिकांश ऐसा ही देखने को आया है कि सैम्लिंग करवाने वाले रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करते और बाजारों में घूमते फिरते है। परिणाम यह होता है कि उनकी इस लापरवाही से अन्य भी क ोरोना के संक्रमण की चपेट में आ रहे है।
ये है पिछले एक माह की से बिगडते हालात
अगर लॉकडाउन और अनलॉकडाउन के आंकड़ों में नजर डाले तो हालात चिंतनीय है। नीचे दिये गये आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे है कि पिछले एक महीने में जिस तरह कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ी है। उसने शहरवासियों की धड़कनों को बढ़ा दी है।
पिछले एक माह में आये पॉजिटिव मामले
26 मई को 3
27 मई को 8
28 मई को 9
30 मई को 1
31 मई को 2
2 जून को 2
8 जून को 2
9 जून को 3
10 जून को 1
11 जून को 3
12 जून को 2
13 जून को 9
15 जून को 2
16 जून को 6
17 जून को 6
18 जून को 6
19 जून को 29
20 जून को 8
22 जून को 7
23 जून को 2
24 जून को 4
25 जून को 21
26 जून को 16
27 जून को 44
कुल 196

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