
ग्राउण्ड रिपोर्ट : सरकार चुप्प, एचआर सिटी व NCCT THORAX से अनजान अधिकारी, निर्दोष पर कर दी कार्यवाही





बीकानेर। राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में फेफड़ों के गंभीर संक्रमण की निजी चिकित्सालयों व जांच प्रयोगशालाओं में की जाने वाली एचआर सिटी स्कैन जांच का शुल्क 1700 रुपए निर्धारित कर रखी है और NCCT THORAX पर अभी सरकार बिल्कुल चुप है। सरकार के इन आदेश के बाद लैब संचालक पेशोपेश में है। कोरोना मरीजों को ज्यादातर दिक्कत फेफड़ों में होती है। ऐसे में चिकित्सक एनसीटी थोरेक्स को अति महत्व मानते है। गंभीर मरीजों मरीजों से NCCT THORAX की जांच करवाते है ताकि कोविड के अलावा अन्य बीमारी का पता चल सके। सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में NCCT THORAX के बारे में जिक्र नहीं करने से निजी चिकित्सालय व जांच प्रयोगशाला असमंजस की स्थिति में है। राजधानी जयपुर और जोधपुर में निजी लैब वाले NCCT THORAX जांच के 3500 से 4000 रुपए ले रहे है।
बीकानेर में भीनिजी लैब संचालकों ने उहापोह की स्थिति बनी हुई है जिसके चलते आनन-फानन में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक कार्रवाई की गई। जिसमें राज्य सरकार की ओर से तय शुल्क से अधिक शुल्क वसूलने पर एक निजी लैब को सीज कर दिया गया। खुलासा ने इसके सच को जाना तो सामने आया कि निजी संचालक की ओर से लिया गया शुल्क एचआरसिटी के साथ-साथ एक अन्य जांच का भी था। लेकिन संबंधित आर.ए.एस. अधिकारी द्वारा की गई शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे सीएमएचओ व उसकी टीम ने भी पड़ताल की । इस पड़ताल में आर.ए.एस. अधिकारी द्वारा दिए गए बयान और निजी लैब संचालक की रसीद ने करवाई जाने वाली जांच में अंतर पाया गया। जानकारी मिली है कि आर.ए.एस. अधिकारी का कहना है कि उन्होंने एचआरसिटी जांच का ही कहा था जिससे उनके 3500 रुपए वसूल किए गए लेकिन इस अधिकारी की NCCT THORAX के 3500 रुपए वसूलने बताए गए है। जब खुलासा ने इसकी तह को जाना तो पता लगा कि एचआरसिटी के 1700 रुपए लिए जाते है वहीं एनसीसीटी थोरेक्स के 3500 रुपए ही लिए जा रहे है। ऐसे में आर.ए.एस अधिकारी की शिकायत के बाद चिकित्सक दल दो तीन लैबों में भी इसकी पुष्टि करने पर यह पाया कि एचआर सिटी के 1700 रुपए ही लिए जा रहे है। ऐसे हालातों में कहीं ना कहीं निजी लैब संचालक व शिकायतकर्ता की आपसी टीस इस जांच का कहीं ना कहीं मुख्य कारण नजर आ रही है।
निजी संचालक का दावा- रिकॉर्ड खंगाल लीजिए दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा
पवनपुरी में स्थित मार्च इमेजिंग सेंटर के संचालक पूनम माचरा ने बताया कि सरकार के आदेश अनुरूप ही मरीजों से एचआरसिटी के 1700 रुपए लिए है। आर.ए.एस अधिकारी द्वारा आज आनन-फानन में कार्यवाही की गई। हमारे लैब का रिकॉर्ड खंगाल लीजिए दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
निजी लैब द्वारा की गई NCCT THORAX जांच की रसीद


