शिक्षा विभाग और निजी स्कूल प्रबंधकों के बीच चल रहे टकराव के चलते सरकार का नया निर्णय

शिक्षा विभाग और निजी स्कूल प्रबंधकों के बीच चल रहे टकराव के चलते सरकार का नया निर्णय

गहलोत सरकार का अभियान, आओ घर से सीखें
जयपुर। फीस के मुद्दे को लेकर राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग और निजी स्कूल प्रबंधकों के बीच चल रहे टकराव के बीच नया निर्णय लिया गया है। अब सरकार आओ घर से सीखें के जरिए स्टूडेंट्स को अध्ययन कराने की तैयारी कर रही है। शिक्षा विभाग ने अब शिक्षा नहीं रुकेगी, आओ घर से सीखें अभियान लॉन्च कर दिया। इस अभियान के पीछे मकसद ऑनलाइन क्लास को बढ़ावा देना है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि कक्षा एक से नौ और कक्षा 11वीं के बच्चे घर पर ही पढ़ें। इस साल बिना परीक्षा के क्रमोन्नत भी नहीं किया जाएगा। दीपावली के बाद 10वीं और 12वीं कक्षा की कक्षाएं शुरू की जा सकती है, फिलहाल बाकी कक्षाएं शुरू नहीं होगी। दिवाली के बाद शिक्षा विभाग बोर्ड कक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी कर सकता है।

ऑनलाइन क्लास लेने की छूट भी मिल सकती है। इस अभियान के तहत छात्र शिक्षकों से फोन पर भी अपने सवालों के जवाब जान सकेंगे। वहीं, वॉट्सएप पर भी छात्रों को डिजिटल लर्निंग सामग्री भेजी जाएगी। शिक्षा विभाग पाठ्यपुस्तक व कार्यपुस्तिकाएं तैयार कर रहा है। जिनकी मदद से स्टूडेंट्स पढ़ाई आसानी से कर सकेंगे। स्टूडेंट्स को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा मुहैया कराया जाना आवश्यक होना चाहिए। तय मानदंड़ों के अनुरूप ही शिक्षकों को निजी स्कूलों में नियुक्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षकों को ड्यृटी पर हमेशा तैनात रहने के लिए भी कहा गया है ।

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