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राजस्थान में कानून व्यवस्था पर सरकार का बड़ा फोकस, बनाए 5 बड़े एक्शन प्लान

राजस्थान में कानून व्यवस्था पर सरकार का बड़ा फोकस, बनाए 5 बड़े एक्शन प्लान
जयपुर। प्रदेश में कानून व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए पुलिस विभाग पूरी तरह सक्रिय हो गया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार शर्मा ने उदयपुर रेंज स्तरीय समीक्षा बैठक करीब आठ घंटे तक ली। इसमें अपराध नियंत्रण, पुलिसिंग की गुणवत्ता, साइबर क्राइम, सडक़ सुरक्षा और अवैध शराब कारोबार पर विशेष फोकस किया गया।बैठक के दौरान डीजीपी ने अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। झूठे मुकदमों की रोकथाम से लेकर सडक़ दुर्घटनाओं में कमी और अपराधियों पर निगरानी तक, हर स्तर पर पुलिसिंग को और पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर बल दिया गया।
साइबर क्राइम को किया जाए कम
उन्होंने कहा कि पुलिस की छवि तभी बेहतर होगी जब जांच ईमानदारी और निष्पक्षता से की जाएगी। अपराधियों पर लगातार निगरानी रखते हुए, अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि साइबर क्राइम जैसे उभरते अपराधों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक का उपयोग अनिवार्य है।
डीजीपी ने ये दिए 5 अहम दिशा-निर्देश
1. झूठे मुकदमों पर कार्रवाई: गंभीर धाराओं में दर्ज झूठे मामलों की पहचान कर संबंधित व्यक्तियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
2.अवैध शराब पर सख्ती: हरियाणा और पंजाब से आने वाली तस्करी पर लगाम लगाई जाए, दोषियों की संपत्ति जब्त की जाए और सात दिनों में जब्ती रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
3.सडक़ दुर्घटनाओं में कमी: ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित कर सुधार किए जाएं, रिफ्लेक्टर व ज़ेब्रा लाइन लगाई जाए, ओवरस्पीडिंग और ड्रिंक एंड ड्राइव पर सख्त कार्रवाई हो।
4.अपराधियों पर निगरानी: हार्डकोर अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाए, जेल से छूटने के बाद अपराध दोहराने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
5.साइबर क्राइम पर फोकस: हर जिले में साइबर डेस्क को मजबूत किया जाए, कम से कम तीन अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए और मामलों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो।

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