
सूचना के अधिकार को लेकर गंभीर नहीं सरकारी महकमें





खुलासा न्यूज,बीकानेर। देशभर में 2005 में पारदर्शिता के लिये सूचना का अधिकार कानून बनाया गया। इस कानून के माध्यम से भारत की जनता को एक अधिकार दिया गया हैं कि सरकार द्वारा लगाया जाने वाले एक-एक पैसे की जानकारी भारत को कोई भी नागरिक ले सकता हैं। लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी अब तक प्रशासन इस ओर कोई खास गंभीरता नहीं दिखा रहा हैं। इसी से आहत होकर सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता रणवीर आचार्य ने कलक्टर को पत्र लिखकर इसे सख्ताई से लागू करने की मांग की है। आचार्य ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि जिला कलक्टर बीकानेर की सभी पंचायत समितियोंं,नगर विकास न्यास सहित सभी सरकारी कार्यालयों में इस सख्ती से लागू करें। आचार्य ने बताया कि सरकारी कार्यालयेां के आरटीआई,प्रथम अपील का निस्तारण तो दूर जवाब तक नहीं दिया जाता हैं। आचार्य ने बताया कि नगर विकास न्यास के कलक्टर खुद प्रथम अपील अधिकारी होने के बाद भी जवाब नही देते हैं। आचार्य ने बताया कि उच्च पदो पर आसीन अधिकारियों का क र्तव्य बनता है कि आरटीआई का जवाब देना उनका नैतिक कर्तव्य है ऐसे में जिले के सभी लोक सूचना अधिकारी अथवा प्रथम अपील अधिकारी को पांबद किया जावे कि समय पर जवाब दिया जावे अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई की जावे।


