300 रुपए में मकान किराए पर देगी सरकार:10 साल रहने के बाद खरीद भी सकेंगे

300 रुपए में मकान किराए पर देगी सरकार:10 साल रहने के बाद खरीद भी सकेंगे

जयपुर। जयपुर, अलवर, पाली, अजमेर समेत प्रदेश के कई शहरों में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम और राजीव गांधी पुनर्वास योजना के तहत बनाए गए हजारों मकान खाली पड़े हैं। शहरी इलाके से बाहर बने होने के कारण इसे लेने में लोगों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। अब ये खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। इनके रख-रखाव पर भी सरकार को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने अहम निर्णय लिया है। मल्टी स्टोरी ये ईडब्ल्यूएस-एलआईजी फ्लैट्स 200-300 रुपए प्रति महीना के किराए पर दिए जाएंगे। इसकी तैयारी में अधिकारी लग गए हैं। इसके लिए गाइडलाइन तैयार करने के बाद आवेदन मांगे जाएंगे।
डीएलबी (डायरेक्टोरेट ऑफ लोकल बॉडी) डायरेक्टर ह्रदेश शर्मा ने बताया- पिछले दिनों जयपुर जेडीए (जयपुर विकास प्राधिकरण) समेत प्रदेश की दूसरी शहरों की यूआईटी (नगर सुधार न्यास), विकास प्राधिकरण और निकायों ने एक प्रस्ताव बनाकर इन मकानों बेचने की गाइडलाइन बनाने के लिए सरकार से मांग की थी। इस पर उच्च स्तर पर काफी चर्चा के बाद इन मकानों को किराये पर देने का फैसला किया गया। ताकि मकानों का रखरखाव भी हो सके और उनका उपयोग भी हो सके।
गरीबों के लिए बनाए गए थे मकान
राजस्थान में जितने भी मकान खाली पड़े हैं, उसमें आधी संख्या से ज्यादा मकान गहलोत सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में बनवाए थे। तब सरकार ने गरीब तबके के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी लॉन्च करके आवास विकास संस्थान के जरिए प्रदेशभर में निजी बिल्डर्स से ये फ्लैट्स बनवाए थे। उस समय भी ये शहर सीमा से बहुत दूर थे, जिसके कारण इनमें आवेदन भी बहुत कम आए थे।

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