
राजस्थान में सरकारी पानी की चोरी रोकने के लिए अब ये करने जा रही है सरकार,,,इस खबर में पढें पूरी योजना





जयपुर। जलदाय विभाग प्रदेश भर में धडाधड हो रहे अवैध पेयजल कनेक्शन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए 12 साल पहले बंद की गई एल फार्म की अनिवार्यता को फिर से शुरू करने की तैयारियां की जा रही है। अगर सरकार विभाग के प्रस्ताव को स्वीकार करती है तो उपभोक्ता जलदाय विभाग से रजिस्टर्ड प्लंबर से ही पेयजल कनेक्शन कराना होगा और फिर एल फार्म भरना अनिवार्य होगा। विभाग के अफसरों का कहना है कि इस व्यवस्था के बिना धडाधड अवैध कनेक्शन हो रहे हैं और विभाग को सालाना करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। बताया जा रहा है कि एल फार्म की अनिवार्यता के संबध में नए दिशा निर्देश एक दो दिन में जलदाय विभाग जारी करने की तैयारियां कर रहा है। 4 जनवरी 2008 को बंद हुई थी व्यवस्था जलदाय विभाग के अधिकारियों के अनुसार 4 जनवरी 2008 तक नए पेयजल कनेक्शन के लिए एल फार्म की अनिवार्यता थी। जिसके तहत उपभोक्ता को पेयजल कनेक्शन रजिस्टर्ड प्लांबर से ही कराना होता था। लेकिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव भरत मीणा ने एक आदेश जारी कर इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया। इसके बाद एल फार्म की व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई। एल फार्म लागू होता है तो इस तरह होगा नया पेयजल कनेक्शन पेयजल कनेक्शन के लिए संबधित अभियंता कार्यालय में फाइल मंजूर करानी होगी अभियंता कार्यालय में रजिस्टर्ड प्लंबर ही कनेक्शन करने के लिए उपभोक्ता के घर जाएगा पेयजल कनेक्शन के लिए किस तरह का पाईप,मीटर व अन्य उपकरण गुणवत्ता के हैं या नहीं यह तय करेगा कनेक्शन करने के बाद रजिस्टर्ड प्लंबर एल फार्म भरेगा और प्रमाणित करेगा कि पेयजल कनेक्शन नियामनुसार किया गया है अभी यह हो रहा है चूंकि एल फार्म की व्यवस्था को समाप्त हुए 12 साल हो चुके हैं। अगर किसी व्यक्ति को पेयजल कनेक्शन लेना है तो वह अपने स्तर पर प्लंबर को बुला कर कनेक्शन करा लेता है। लेकिन विभाग को पता नहीं चलता किसने नया कनेक्शन लिया है। इस स्थिति में अवैध पेयजल कनेक्शन हो रहे हैं और विभाग को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। अगर जांच पड़ताल हो जाए तब ही उपभोक्ता विभाग में किए गए कनेक्शन के लिए आवेदन कर कनेक्शन को नियमित करा लेता है। रिकार्ड पर केवल 30 लाख पानी पी रहे हैं तीन गुना तकजलदाय विभाग के एक आला अधिकारी ने कहा कि अभी विभाग के रिकार्ड में लगभग 30 लाख पेयजल उपभोक्ता है। लेकिन असल में इनकी संख्या तीन गुना से भी ज्यादा है। जितना पानी आपूर्ति किया जा रहा है उससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 30 लाख पेयजल उपभोक्ताओं को कितने पानी की जरूरत होती है। राजधानी जयपुर में 6 लाख पेयजल उपभोक्ता विभाग के रिकार्ड में हैैं।


