
पीबीएम नाम की सरकारी हॉस्पिटल, बाहर से लेनी पड़ रही अधिकांश दवाएं, जांच के लिए दिया जा रहा लंबा समय, इतना इंतजार कौन करे?







खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर संभाग का सबसे बड़ा हॉस्पिटल अब नाम का सरकारी हॉस्पिटल रहा है। यहां आने वाले मरीज को अधिकांश दवाएं डॉक्टर बाहरी लिखते है, जो पीबीएम में मिलती ही नहीं। इसी तरह जांचों में भी यही खेल चल रहा है। जिस मरीज को ईलाज के लिए आज या कल जांच की जरूरत है, उस जांच के लिए पीबीएम में दो-दो माह का वेटिंग समय दिया जा रहा है। ऐसे मजबूर लोग बाहरी निजी लैब पहुंचकर जांच करवाते है वो भी महंगे दामों में। हनुमानगढ़ के लालसिंह यहां पीबीएम में अपना ईलाज करवाने पहुंचे, उन्होंने बताया कि पिछले दस दिनों से पीबीएम में इधर-उधर चक्कर निकाल रहा हूं, लेकिन ईलाज नहीं मिल रहा। डॉक्टर जो दवाएं लिखते है, उसमें अधिकांश व महंगी दवाईयां पीबीएम अस्पताल में उपलब्ध ही नहीं, ऐसे में मजबूर होकर बाहर से दवाई लानी पड़ रही। इसी तरह जो मरीज की जो आज होनी चाहिए, उसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है, यानि जांच के लिए 15 दिन इंतजार करो, अन्यथा पैसा लगाकर बाहर से निजी लैब से करवाओ। ऐसे में यह सरकारी अस्पताल कैसे हुआ? उन्होंने बताया कि ऐसा लगाता है कि यहां कार्यरत्त डॉक्टर्स द्वारा बड़ा खेल मरीजों के साथ खेला जा रहा है, जिसको कोई पकड़ भी नहीं सकता। उन्होंने बताया कि इस काले खेल पर सरकार को एक्शन लेना चाहिए, ताकि यहां ईलाज के लिए पहुंचने वाले लोगों को ईलाज मिले न की आर्थिक दर्द।
बता दें कि सोमवार को कांग्रेस ने भी पीबीएम अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। जिसमें बताया कि डॉक्टर्स समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते और समय से पहले घर चले जाते है, बाद में अपने निजी क्लिनिक पर मरीजों को देखते है। कांग्रेस के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि मरीजों को जांच के लिए परेशान किया जा रहा है, दो-दो माह वेटिंग लिस्ट में रखा जा रहा है, ऐसे में अगर किसी मरीज को आज जांच की जरूरत है, वो दो माह का कैसे इंतजार करेगा। यह सोचने वाला विषय है। साथ ही दवाओं के स्टॉक पर कांग्रेस के नेताओं ने अधीक्षक से सवाल जवाब किये और कहा कि दवाओं को पूरा स्टॉक रखा जाए, ताकि मरीजों को दवाई बाहर से महंगे दामों नहीं खरीदनी पड़े।


