
अच्छी खबर/ मानसून फिर से एक्टिव होने की संभावना, नया वेदर सिस्टम बनते ही होगी जमकर बरसेंगे बादल






मानसून ने इस बार 11 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। तकरीबन एक दशक में ऐसा पहली बार है, जब प्रदेश के 18 बड़े बांध में से 15 बांध 90% से ज्यादा तक भर चुके हैं। सिर्फ तीन बांधों में फिलहाल पानी कम है। उधर, सितंबर में मानसून के एक बार फिर एक्टिव होने की संभावना है। नया वेदर सिस्टम बनते ही बारिश का अगला दौर शुरू होगा।
राजस्थान पर मेहरबान मानसून
देश और दुनिया में भले ही राजस्थान की पहचान कम पानी वाले राज्य के रूप में होती है, लेकिन हकीकत ये है कि पिछले 11 सालों में दस साल का मानसून सामान्य से अधिक ही बरसा है। केवल 2018 के मानसून में सामान्य से छह प्रतिशत कम पानी बरसा। 2011 से 2017 तक और 2019 से 2021 तक बारिश का आंकड़ा पिछले साल से ज्यादा में ही रहा है।
पश्चिमी राजस्थान को पीने का पानी देने वाले पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के डेम में भी पानी अब तक पहुंच रहा है। पंजाब के भाखड़ा, पोंग व रणजीत सागर में पानी की आवक पिछले साल की तुलना में ज्यादा हो रही है।


