मुट्‌ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की बादशाहत खो दी गहलोत ने - Khulasa Online मुट्‌ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की बादशाहत खो दी गहलोत ने - Khulasa Online

मुट्‌ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की बादशाहत खो दी गहलोत ने

जयपुर। रााजस्थान के सियासी बवाल की वजह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनने पर अब विधायक दिव्या मदेरणा ने शेरशाह सूरी की कहावत के जरिए निशाना साधा है। दिव्या मदेरणा ने इशारों में शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को निशाने पर लिया है।
गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बन पाने पर मदेरणा ने कहा- मुट्‌ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की बादशाहत खो दी। गहलोत मुख्यमंत्री रह भी जाते हैं तो कोई बात नहीं होगी। क्योंकि वे तीन बार इस पद पर रह चुके हैं। अपने तीन वफादार लोगों की भारी नादानी की वजह से उन्होंने दिल्ली की बादशाहत खो दी। कांग्रेस अध्यक्ष का पद खो दिया।
दिव्या ने कहा- गहलोत ने खुद कहा था कि हर गलती कीमत मांगती है। उनके तीन वफादार लोगों की नादानी की कीमत पूरा राजस्थान और जोधपुर चुकाएगा। उनके तीन ब्ल्यू आईड बॉय (बहुत खास व्यक्ति) माने जाने वाले लोगों की भारी गलतियों की कीमत अध्यक्ष पद खोकर चुकाई। इसका मुझे भारी दुख है। इसकी कीमत पूरा जोधपुर और राजस्थान चुकाएगा। क्योंकि एक साधारण परिवार में पैदा हुआ व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष बनता तो हमें गर्व होता।
जोधपुर का व्यक्ति कांग्रेस का सिरमौर होता तो गर्व होता
दिव्या मदेरणा ने बाद में ट्वीट करके धारीवाल, जोशी और राठौड़ को निशाने पर लिया। दिव्या ने लिखा- क्योंकि सिर्फ तीन व्यक्तियों की भारी गलती की वजह से आज जोधपुर और समस्त राजस्थान गर्व होने वाले उस पल से महरूम रह गया। जोधपुर से निकल कर एक व्यक्ति कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े पद पर आसीन होते तो हमारे लिए गर्व की बात होती।
शेरशाह सूरी ने कहा था, मुट्‌ठी भर बाजरे के लिए मैं हिंदुस्तान की बादशाहत लगभग खो चुका था
बता दें कि दिल्ली के बादशाह शेरशाह सूरी ने 1544 में मारवाड़ पर चढ़ाई की थी। उस समय मारवाड़ के शासक मालदेव थे। गिरी-सुमेल के युद्ध में मालदेव के सेनापति जेता और कूंपा ने शेरशाह की सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। इस युद्ध में जेता-कुंपा के साहस और युद्ध कौशल से शेरशाह की सेना हार की कगार पर थी। तब शेरशाह सूरी ने कहा था- मु_ी भर बाजरे के लिए मैं पूरे हिंदुस्तान की बादशाहत लगभग खो देता।
इतिहासकारों के मुताबिक इस युद्ध से पहले शेरशाह को मालदेव के पीछे हटने और फूट की सूचना मिल चुकी थी। इसी फूट की वजह से शेरशाह जीतने में कामयाब रहा, लेकिन उसे भी भारी नुकसान हुआ था। शेरशाह ने इसी वजह से मुट्‌ठी भर बाजरे के लिए बादशाहत खोने वाली बात कही थी। इसका जिक्र अब भी आता है।
दिव्या पहले उठाती रही हैं सवाल…
1998 के बाद 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए’:दिव्या ने सरकार रहते कांग्रेस की हार याद दिलाई; हृस्ढ्ढ प्रदेशाध्यक्ष पर भी निशाना

दिव्या ने एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी पर सवाल उठाने के साथ सरकार में रहते कांग्रेस की करारी हार का जिक्र कर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में फिर उथल-पुथल मचा दी थी। दरअसल, एक ट्वीट में सीएम अशोक गहलोत के एक बयान का जिक्र था जो उन्होंने 2013 में कांग्रेस हार पर जोधपुर में दिया था। इसमें उन्होंने कांग्रेस की 21 सीटों की तुलना बीजेपी को पहले मिली 33 सीटों से की थी

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