
पायलट गुट से मंत्री बनाने पर राजी नहीं गहलोत, माकन के 3 फॉर्मूले, क्या खत्म होगी खींचतान?






मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच जारी खींचतान को कम करने के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन सुलह फाॅर्मूले पर काम करने में जुटे हैं। माकन ने 2 दिन तक CM गहलोत के साथ मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और कांग्रेस संगठन में नियुक्तियों पर सहमति बनाने को लेकर चर्चा की है। फिलहाल 3 फॉमूले पेश करने की बात आ रही है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में सचिन पायलट खेमे से मंत्रियों की संख्या को लेकर गहलोत अभी सहमत नहीं हैं। गहलोत विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्री बनाने का तर्क दे रहे हैं, जबकि पायलट खेमा पहले से ज्यादा प्रतिनिधित्व मांग रहा है। गहलोत शेयरिंग फाॅर्मूले पर राजी नहीं है। बाकी राजनीतिक और संगठन में पायलट समर्थकों की नियुक्तियों पर सहमति बनी है।
सचिन पायलट खेमा 11 माह पुराने मुद्दों के समाधान की मांग कर रहा है। पायलट कैंप जल्द मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों, जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन बनाने की मांग कर रहा है। इन सब में पायलट कैंप बराबर की भागीदारी और पावर चाहता है। माकन और गहलोत के बीच दो दिन तक हुए लंबे मंथन में राजनीतिक नियुक्तियों और संगठनात्मक नियुक्तियों पर तो सहमति बन चुकी है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में अभी स्थिति जस की तस बताई जा रही है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हाईकमान अब राजस्थान में और विवाद बढ़े, इससे पहले ही डैमेज कंट्रोल करने के प्रयास में हैं। इसके तहत ही अजय माकन ने 2 दिन जयपुर में सीएम से लंबी बैठकें करके सत्ता संगठन में पायलट कैंप की भागीदारी पर सहमति बनाने की कवायद की है। मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बनाने के लिए माकन, गहलोत के साथ एक दौर की बैठक और कर सकते हैं। माकन ने इस बार के दौरे में सचिन पायलट से मुलाकात नहीं की। माकन, पायलट से दिल्ली में मिल चुके हैं।
सचिन पायलट खेमे से मंत्री बनाने में शेयरिंग पैटर्न पर बात अटक गई है। अब तक पायलट कैंप को मंत्रिमंडल में उनकी मांगों के हिसाब से मंत्री बनाए जाने पर सहमति नहीं बनी है। गहलोत शेयरिंग पैटर्न को मानने के लिए तैयार नहीं है, जबकि पायलट कैंप इस पर अड़ा हुआ है।
सचिन पायलट कैंप के विधायकों को मंत्री बनाए जाने के फाॅर्मूले पर सहमति बनाने के लिए प्रभारी अजय माकन कवायद में जुटे हैं। सहमति बनते ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो जाएगा। सचिन पायलट कैंप भी इस बार कुछ लचीला रुख अपना सकता है। सरकार बने ढाई साल का वक्त बीत चुका है। ऐसे में अब जल्द मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव भी बढ़ रहा है।


