गहलोत ने पायलट की शर्त नहीं मानने के दिए संकेत, बोली यह बात - Khulasa Online गहलोत ने पायलट की शर्त नहीं मानने के दिए संकेत, बोली यह बात - Khulasa Online

गहलोत ने पायलट की शर्त नहीं मानने के दिए संकेत, बोली यह बात

खुलासा न्यूज। कांग्रेस हाईकमान की सचिन पायलट मामले में सुलह की कोशिश के बीच सीएम अशोक गहलोत ने तंज कसा है। उन्होंने सुलह के फॉर्मूले की चर्चाओं को निराधार बताया है। गहलोत ने पायलट की शर्त नहीं मानने के संकेत दिए हैं। गहलोत ने कहा कि किसी कार्यकर्ता की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह कहे यह पद लूंगा। यह नहीं लूंगा। गहलोत सोमवार दोपहर को दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि ऐसे फॉर्मूले मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सुने। कोई नेता मांगे कि यह चीज मुझे मिल जाए या हाईकमान उसे ऑफर करें कि आप कौन सा पद लोगे? ऐसा रिवाज मैंने कभी कांग्रेस में नहीं देखा। लोग स्टोरी बनाते रहते होंगे। उसमें कोई दम नहीं होता।

गहलोत ने कहा कि हाईकमान और कांग्रेस पार्टी आज भी इतना मजबूत है कि ऐसी स्थिति नहीं आई है कि आप किसी को मनाने के लिए ऑफर करो कि आप कौन सा पद स्वीकार करोगे? ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। जिंदगी में न कभी होगा। कांग्रेस बहुत मजबूत संगठन है। आज भी हाईकमान बहुत मजबूत है। न किसी कार्यकर्ता की ऐसी हिम्मत है कि वह कहे कि मैं यह पद लूंगा। ऐसा कभी होता नहीं है।

 

खरगे राहुल से मुलाकात से पहले गहलोत के बयान के सियासी मायने

 

गहलोत ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात से पहले सचिन पायलट पर तंज कसकर सुलह फॉर्मूले की गुंजाइश पर ही सवाल उठा दिए हैं। गहलोत ने साफ तौर पर इशारा किया है कि वे पायलट की मांगों के सामने सरेंडर करने को तैयार नहीं हैं। पायलट को संगठन में अच्छा पद देने और उनके मुताबिक कमेटी में लेने के लिए भी तैयार नहीं है। गहलोत ने इस बयान के जरिए यह संकेत दे दिए हैं कि पायलट की मांगों को नहीं माना जाएगा। अब हाईकमान के रुख पर सब निर्भर करेगा। आज शाम को सीएम गहलोत की खरगे और राहुल गांधी के साथ अलग-अलग बैठक होनी है, इस बैठक से पहले गहलोत के बयान ने नई सियासी चर्चाएं छेड़ दी हैं।

 

पायलट पर तल्खी से टकराव के संकेत

 

पायलट को लेकर गहलोत ने चार दिन में ही दूसरी बार तंज भरा कमेंट किया है। इससे पहले गुरुवार को सचिन की मांगों पर सीएम गहलोत ने विपक्ष की आड़ लेकर कहा था कि पेपर लीक पर मुआवजा मांगने को बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे क्या? अब तक कभी पेपर लीक पर किसी सरकार ने मुआवजा दिया है क्या, ऐसा कभी हुआ है?

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