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गहलोत कैबिनेट-मंत्रिपरिषद का बड़ा फैसला

जयपुर: गहलोत कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में शुक्रवार को बड़ा फैसला किया गया. कर्मचारी चयन बोर्ड के सदस्यों और अध्यक्ष को 7 वां वेतनमान देने का फैसला किया गया हैं. डीओपी के सेवा नियम संशोधन का अनुमोदन हुआ. अभी बोर्ड के अध्यक्ष को रुपए 75,000 /- (निर्धारित) प्रतिमाह है. सदस्यों को 70,000 /- निर्धारित प्रतिमाह वेतन भुगतान करने का प्रावधान है.  अब अध्यक्ष को रुपए 1.92.750/- (निर्धारित) प्रतिमाह हुआ. सदस्यगण को रुपए 1,79,900 / -(निर्धारित) प्रतिमाह किये जाने का प्रावधान हुआ. अध्यक्ष का वेतन करीब 1 लाख 17000 रुपए बढ़ा. सदस्यों का वेतन करीब 1 लाख 9 हजार 900 बढ़ा. पूर्व में RPSC सदस्यों और अध्यक्ष का भी इसी तर्ज पर वेतन बढ़ा था.

तीसरी लहर से पहले अस्पतालों में पूरी तैयारी:

मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में दौरे लगातार बने रहेंगे. पहले भी गए थे मंत्री और अब भी प्रभार वाले जिलों के दौरे पर जाएंगे. बैठक के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जानकारी दी. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले अस्पतालों में पूरी तैयारी कर ली है. सरकार अनलॉक-3 के तहत ज्यादा छूट नहीं देगी. राज्य की जनता के लिए जो अच्छा होगा वह करेंगे. हर मंत्री ने कैबिनेट की बैठक में अपने सुझाव दिए हैं. मास्क ही सबसे बड़ा बचाव है. वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क लगाना अनिवार्य होगा.

कोरोना निवारण को लेकर चिंतित:

खाचरियावास ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में बीकानेर में डेल्टा प्लस का वैरीएंट मिलने के बारे में रघु शर्मा ने बताया. सरकार और सीएम खुद हैं कोरोना निवारण को लेकर चिंतित है. गाइड लाइन के बारे में हम मंत्रियों ने अपनी सारी बातें कह दी. गाइडलाइन जारी करना मुख्यमंत्रीजी का काम है. भारत सरकार जितनी जल्दी वैक्सीन देगी,उतनी जल्दी लग जाएगी और वैक्सीनेशन में जल्द ही हम नंबर वन पर होंगे.

खाचरियावास ने साधा सतीश पूनियां पर निशाना:

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सतीश पूनियां पर निशाना साधते हुए कहा कि पूनियां की बात को उनकी पार्टी के लोग नहीं मानते. केंद्र ने कितने वादे किए वह कितने पूरे किए यह बताइए. कोरोना में विपक्षी नजर नहीं आया. मोदी सरकार ने देश के साथ फरेब किया. पेट्रोल डीजल में आग लगी हुई है महंगाई सर चढ़कर बोल रही है. अनाथ बच्चों का पैकेज देने का हमने निर्णय किया. पुराना कम हुआ तब बीजेपी वाले बयान दे रहे हैं. कोरोना वायरस में बीजेपी नेता अस्पतालों में नहीं गए. रामअवतार राणा मेरे दिल का टुकड़ा था. कांग्रेस का पदाधिकारी था मैं दो लाख की सहायता देकर आया हूं. बीजेपी का स्तर गिर गया है. दो आदमी उसके साथ जाते हैं और बीच में छोड़ कर चले जाते हैं.

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