
गौतम साहब.. अधिकारियों की गफलत , दोषी बन रहा है कम्प्यूटर ऑपरेटर , इंसाफ की जरूरत






– डीएनए टेस्ट : 15 घंटे पहले फोटो जर्नलिस्ट मनीष पारीक की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव रिपोर्ट दी फिर कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती कैसे ?
बीकानेर। एसपी मेडिकल कॉलेज की कोरोना लैब से गुरुवार को आए सैंपलों में 11 संक्रमितों ने बीकानेर में बवाल खड़ा कर दिया। एक कर्मचारी की रिपोर्ट गलत देने से पूरे कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया। अब मेडिकल व स्वास्थ्य विभाग के आपसी सामंजस्य की कमी होने से यह गफलत हुई।
अब सब अधिकारी दोष एक छोटे कम्प्यूटर ऑपरेटर पर मंड रहे है।अगर सही जांच नहीं हुई तो अधिकारियों की गफलत की वजह से एक कर्मचारी मारा जाएगा।
दरअसल मामला यूं है कि आज आई 22 कोरोना रिपोर्ट्स ने फोटो जर्नलिस्ट मनीष पारीक के होश उड़ा दिए। मनीष पारीक को सूचना मिली कि वे पॉजिटिव हो चुके हैं। आंतरिक सूत्रों से संपर्क किया तो पता चला कि पॉजिटिव वे नहीं बल्कि उनका हमनाम है। जो कि पारीक चौक निवासी है। इस पर कलेक्टर तक फोन पहुंचे, जांच की गई, तो पुष्टि हो गई कि स्वास्थ्य विभाग की टीम से गलती हो गई है और फोटो जर्नलिस्ट सुरक्षित है।
इस अब इस प्रकरण में अधिकारी एक कम्प्यूटर ऑपरेटर पर पर दोष मंडराने में लगे हुए है। हमने इस प्रकरण की जांच-पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को फोटो जर्नलिस्ट मनीष पारीक जो चार नंबर डिस्पेंसरी कवरेज के लिए गए थे। इसी दौरान एक जानकार ने टेस्ट करवाने की सलाह दी तो जांच करवाई। फोटो जर्नलिस्ट ने यह जांच 11 बजे करवाई, जिसका सीरियल नंबर 44था, वहीं ठीक 15-20 मिनट बाद पारीक चौक निवासी हमनाम ने जांच करवाई, जिसका सीरियल नंबर 100 था।
रात्रि करीबन 11.30 बजे फोटो जर्नलिस्ट मनीष पारीक की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इससे संबंधित जानकारी रात्रि 12 बजे लैब के अधिकृत अधिकारी ने सीएमएचओ डॉ. बी.एल.मीना व सुपरीडेंट व स्वास्थ्य विभाग को ई-मेल के जरिए रिपोर्ट भेजी गई।
अगले दिन यानी गुरुवार को मनीष पारीक निवासी पारीक चौक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस संबंध में लैब के अधिकारी ने सीएमएचओ टीम को दी गई। इस रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ टीम कन्फ्यूजड हो गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पॉजिटिव की डिटेल्स पर काम करने वाले सीएमएचओ की टीम में उमेश कुमार की जल्दबाजी के चक्कर में अधिकृत लैब के अधिकारी से कन्फर्म न करके कम्प्यूटर ऑपरेटर से एसआरएफ नंबर मंगवाकर फोटो जर्नलिस्ट को पॉजिटिव बता दिया।
उमेश कुमार ने इस बारे में सीएमएचओ को रिपोर्ट कर दी। सीएमएचओ ने मीडिया को बताया कि फोटो जर्नलिस्ट मनीष पारीक कोरोना की चपेट में आ गया है।
सवाल यह उठता है कि 15 घंटे पहले फोटो जर्नलिस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो फिर से पॉजिटिव कैसे आई ? पॉजिटिव होने की लिस्ट भेजने के बाद भी सीएमएचओ की टीम द्वारा इतनी बड़ी गलती क्यों की गई ? नेगेटिव और पॉजिटिव को लेकर कन्फ्यूजड हुए तो कम्प्यूटर ऑपरेटर से एसआरएफ नंबर क्यों मंगवाए गए ? क्या कम्प्यूटर ऑपरेटर एसआरएफ नंबर देने के लिए अधिकृत है ?
बता दें कि सीएमएचओ टीम के उमेश कुमार ही पॉजिटिव मरीज़ों के बॉयोडाटा सहित हिस्ट्री खंगालते है और सीएमएचओ को रिपोर्ट करते हैं।
अब स्थिति यह बनी हुई है कि अधिकारी अब कम्प्यूटर ऑपरेटर पर गलती मंडराने में लगे हुए है, उसे माफीनामा भी लिख दिया है। लेकिन गलती कम्प्यूटर ऑपरेटर की नहीं बल्कि सीएमएचओ की टीम द्वारा की गई है।
कलक्टर गौतम साहब अधिकारियों की गफलत की वजह से छोटे कर्मचारी (कम्प्यूटर ऑपरेटर) को दोषी बनाया जा रहा है, इस छोटे कर्मचारी को इंसाफ की जरूरत है।


