
गणगौर प्रतिमाओं को सोलह श्रृंगार से सजाया जा रहा है,गुजरात और दक्षिण भारतीय संस्कृति आ रही है नजर






गणगौर प्रतिमाओं को सोलह श्रृंगार से सजाया जा रहा है,गुजरात और दक्षिण भारतीय संस्कृति आ रही है नजर
गणगौर प्रतिमाओं को सोलह श्रंृगार से सजाया जा रहा है,गुजरात और दक्षिण भारतीय संस्कृति आ रही है नजर
बीकानेर। सिर पर बोरिया, मोती पट्टी, नथली, भुजबंद और कंदोला से सजी-धजी गवर और साफा, कलंगी, कुण्डल, कटार के साथ सजा ईसर हर किसी को आकर्षित कर रहा है। धुलंडी के दिन से शुरू गणगौर पूजन में गणगौर प्रतिमाओं को भी सोलह श्रृंगार से सजाने का क्रम चल रहा है। घरों से बाजारों तक गणगौर प्रतिमाएं सज रही है। हर कोई अपनी गणगौर प्रतिमा को कलात्मक रूप से सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
इस बार भी पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा और आभूषणों के साथ गणगौर प्रतिमाओं को सजाने के साथ-साथ गुजरात और दक्षिण भारतीय संस्कृति का भी असर नजर आ रहा है।
शेरवानी-अचकन में ईसर, कोट, पेंट और टाई भी
ईसर की प्रतिमाएं पारंपरिक रूप से सिर पर राजस्थानी साफा, कलंगी, शेरवानी, अचकन, कमर में कटार, गले में हार, कानों में कुण्डल के साथ सजाया जा रहा है। वहीं कुछ लोग ईसर को कोट, पैंट और टाई के रूप में भी सजा रहे है। राजपूति ड्रेस में ईसर की प्रतिमाएं अधिक श्रृंगारित हो रही है। इस बार आशीर्वाद मुद्रा में हाथ वाली गणगौर प्रतिमाएं भी अधिक पसंद की जा रही है।
सलवटों का लहंगा, खुले बालों में गवर
गणगौर व्यवसाय से जुड़े रमेश महात्मा अनुसार महिलाएं गवर प्रतिमाओं को सलवटों वाले लहंगा पहनाना ज्यादा पसंद कर रही है। वहीं गवर प्रतिमा की सजावट में सिर पर खुले व घुंघराले बाल भी चलन में आए है। ईसर की सजावट में मोड, कलंगी व साफा के साथ ईसर की प्रतिमा का सजा रहे हैं।
मन मोह रही प्रतिमाएं
प्रतिमाओं को सजाने में सिर पर जहां मोतियों का ताज लगाया जा रहा है। बालों के जूड़े पर गुलाब का पुष्प भी देखने को मिल रहा है। आंखों के ऊपर पलकें, होठों पर लिपिस्टक, साड़ी व ओढ़णें के पल्लू पर साड़ी पिन जैसे आधुनिक श्रृंगार देखने को मिल रहे है।
प्रतिमाओं की रंगाई, खरीद का चल रहा दौर
गणगौर उत्सव को लेकर गणगौर प्रतिमाओं को रंगवाने और कलात्मक रूप से सजाने का कार्य बड़े स्तर पर चल रहा है। वहीं नई गणगौर प्रतिमाओं की बिक्री भी चल रही है। गणगौर प्रतिमाओं के व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि 15 से 18 ईंच तक वाली गणगौर प्रतिमाओं की अधिक बिक्री हो रही है। वहीं गवर-ईसर के जोड़े के साथ भाईया की प्रतिमा की भी बिक्री चल रही है।


