गंगाशहर थानाधिकारी को रीट के मामले किया.निलंबित

गंगाशहर थानाधिकारी को रीट के मामले किया.निलंबित

बीकानेर। शहर बीकानेर मे गंगाशहर थानेधिकारी ने.रीट के मामले मे बडी रिश्वत की राशि मांगी जिसको लेकर जयपुर एसीबी ने रविवार को सत्यापन करने पहुची तो थानाधिकारी डिवाइस लेकर मौके फरार हो गये।

रीट में नकल के मामले में गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण को निलंबित कर दिया गया है। एसपी योगेश यादव ने इस संदर्भ में आदेश जारी किये है। बताया जा रहा है कि इस मामले के बाद से सीआई राणीदान गायब चल रहे है। आपको बता दे कि रीट खुलासा करने वाली बीकानेर पुलिस को आखिर इसी मामले में रविवार को शर्मसार होना पड़ा। जिस युवक को दिल्ली से पकड़कर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही थी, उसी ने पूरे थाने की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। रविवार को गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान उज्जवल सहित तीन पुलिसकमिर्यों को लाइन हाजिर कर दिया गया। उन्होंने न सिर्फ आरोपी से रिश्वत मांगी बल्कि खुद पुलिस के ही सिपाही के साथ मारपीट की। फिर वॉयस रिकॉर्डर छीन लिया।
दरअसल, बीकानेर पुलिस ने चप्पल से नकल के मामले में चप्पल बनाने के आरोप में नई दिल्ली के सुरेंद्र धारीवाल को गिरफ्तार किया था। आठ नवंबर को गिरफ्तारी के करीब दो महीने बाद छह जनवरी को उसकी जमानत हो गई। गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने दिल्ली स्थित उसकी दुकान से दो लेपटॉप, तीन सीपीयू, दो छोटे मोबाइल, एक डीवीआर लेकर आए थे। इस पूरे सामान को जब्त रिकार्ड में नहीं दिखाया। सात जनवरी को जब सुरेंद्र अपना सामान लेने गया तो गंगाशहर पुलिस ने उसे सामान देने के बजाय एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। यह राशि इस सामान के लिए नहीं बल्कि दूसरे मामले में नहीं फंसाने के नाम पर मांगी गई।
रिश्वत ऑन रिकार्ड सुरेंद्र ने सात जनवरी को ही एसीबी जयपुर को इस आशय की शिकायत दर्ज करवाई थी कि उससे रुपए की मांग की जा रही है। इस पर जयपुर एसीबी ने एक टीम बीकानेर भेज दी। ये टीम पिछले तीन दिन से जाल बिछाकर बैठी थी। पुलिस रंगे हाथों पकड़ती उससे पहले ही एक सिपाही को सुरेंद्र का साथी समझकर पुलिस ने दबोच लिया। जब उसने अपना परिचय दिया तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए। इसी समय लेपटॉप सहित अन्य सामान लेकर राणीदान फरार हो गए। हालांकि ्रष्टक्च पूरे मामले का सत्यापन कर चुकी है। तीनों पर रिश्वत का मामला चलना तय माना जा रहा है।
पहले भी विवादों में रहे थानेदार
गंगाशहर थानेदार राणीदान उज्जवल पहले भी विवाद में रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें मलाईदार पोस्ट मिलती रही है। गंगाशहर से पहले वो बज्जू में थानेदार रहे। जहां जिप्सम माफिया से साठगाठ करने के आरोप में तत्कालीन आईजी जोस मोहन ने निलंबित किया। 2019 में रतनगढ़ थाने में रहे जहां एक व्यक्ति की कस्टडी में मौत होने के बाद बीकानेर भेज दिया गया। यहां जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने में भी रहे। गंगाशहर में एक युवक को अवैध हथियार के मामले में फंसाने के आरोप में शिकायत हो चुकी है।

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