
गंगा थियेटर को मिनीसचिवालय के रूप में विकसित किया जाए-मार्शल
















गंगा थियेटर को मिनीसचिवालय के रूप में विकसित किया जाए-मार्शल
बीकानेर। सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेस जिला संगठन महासचिव मार्शल प्रहलादसिंह ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जिसमेंलिखा है कि पिछले पंद्रह वर्षो में कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट परिसर स्थित गंगा थियेटर भवनकी दशा सुधारने एवं भवन उपयोग के लिए आग्रह किया गया लेकिन आज दिन तक प्रशासन ने संज्ञान नही लिया और किसी प्रकारकी कार्यवाही भी नही की बीकानेर का गंगा थियटर जिसे कभी शहर के मनोरंजन का केंद्र माना जाता था 1924 में बनी महाराजा गंगासिंह जी के सपनों की यह ईमारत 1950 के दशक में गोलछा ग्रुप को लीज पर दी गई थी, लीज राशि का उपयोग पीबीएम अस्पताल में गरीब, जरूरतमंदव्यक्तियों के इलाज हेतु खर्च किया जाता था लेकिन समय अन्तराल में गोलछा ग्रुप ने इसकी लीज राशी जमा नही करवाई औरसरकार व प्रशासन को गुमराह करने के उद्देश्य से न्यायालय में वाद दायर कर रखा है गंगा थियटर की रिकार्ड पत्रावली के विषय में मुझ सामाजिक कार्यकत्र्ता द्वारा ली गई क्रञ्जढ्ढ की मूल फाइल भी आपको उपलब्ध करवा दी गई है इस संबंध में अन्य रिकॉर्ड की प्रतियाँ पीबीएम अस्पताल,लोक निर्माण विभाग, राजस्थान राज्य अभिलेखागार,
जिलाधीश कार्यालय में उपलब्ध है।
ध्यानाकर्षण हेतु निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत है:
(1) वर्तमान में गंगा थियेटर भवन जर्जर अवस्था में है तथा इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। पब्लिक पार्क परिसर में आने वालेकतिपय व्यक्तियों तथा फुटपाथ पर आश्रय लेने वाले निराश्रित महिला पुरुष उक्त भवन के आसपास गंदगी फैलाते हैं तथा मलमूत्रविसर्जन करते हैं। इसके आलावा रात्रि के समय में असामाजिक तत्वों व शराबियो ने इसे अड्डा बना रखा है 7
(2) लीड होल्डर के देहावसान होने, लीज की अवधि समाप्त होने के बावजूद उनके वारिसान ने अवैध कब्जाने की नीयत से
न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया हुआ है, जिस कारण से प्रशासन के स्तर पर उक्त भवन के उपयोग संबंधित आवश्यक कार्यवाही मेंअङचन आती रही है।
(3) गंगा थियेटर भवन चारो ओर से जर्जर अवस्था में पड़ा है तथा इस भवन के इर्दगिर्द हर समय काफी तादाद में लोग बैठे रहते हैतथा यह भवन अथवा इस भवन का कोई भी हिस्सा जर्जर होने के कारण कभी भी ध्वस्त हो सकता है 7
मार्शल ने जिला कलक्टर से मांग की है कि,
(अ) उक्त विषय में संबंधित रिकॉर्ड प्राप्त कर भवन को पूर्व में दिए गए लीज संबंधित जानकारी यथा शर्तों एवं समय सीमा इत्यादि के अनुसार अधिग्रहण की कार्यवाही करने का श्रम करें।
(ब) उक्त भवन व इसके परिक्षेत्र में उपलब्ध भूमि का उपयोग जिला कलक्टर के मिनी सचिवालय, जिला मजिस्ट्रेट संबंधी कार्यालय
के रूप में भी किया जा सकता है।


