भंवरी की लाश को ठिकाने वाली गैंग फिर सक्रिय,राजू मांजू पर हमला - Khulasa Online भंवरी की लाश को ठिकाने वाली गैंग फिर सक्रिय,राजू मांजू पर हमला - Khulasa Online

भंवरी की लाश को ठिकाने वाली गैंग फिर सक्रिय,राजू मांजू पर हमला

जोधपुर। जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र में एक बार फिर गैंगवार की आशंका बढ़ गई है। भंवरी प्रकरण में दस साल तक जेल में बंद रहा विशनाराम जमानत पर बाहर आने के साथ एक बार फिर अपनी सक्रियता बढ़ा रहा है। विशनाराम की बढ़ती सक्रियता ने अन्य गैंग के कान खड़े कर दिए हैं। रविवार को जिले के देचू थाना क्षेत्र के गिलाकोर में गांव में आयोजित एक शादी समारोह में विशनाराम व राजू मांजू गैंग के सदस्य एक दूसरे से भिड़ गए। एक-दूसरे के पीछे जमकर गाडिय़ां दौड़ाई गई। राजू मांजू की पिटाई भी हुई। जान बचाकर भागा मांजू अब वापस हमला करने की कोशिश करेगा।
देचू थानाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इनको दोनों गैंग में आपसी दुश्मनी की सूचना होते हुए भी शादी में निमंत्रित किया। महिपाल पुत्र जगमालाराम सियाक निवासी मगरा निवासी लोहावट ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि वह दोस्त प्रेम गोदारा पल्ली की गाड़ी से राजू मांजू के साथ मेरे दोस्त दिनेश खीचड़ की शादी में पहुंचे। वहां पर विशनाराम व उसकी आठ दस गाडिय़ां थी। हमें देख उसकी गैंग के लोग राजू मांजू व आदमियों की मारने की नीयत से गाडिय़ों से घेर लिया। विशनाराम व उसके लोगों के पास बिना नंबरी गाडिय़ां थी। उन गाडिय़ों से घेरकर मेरी स्कॉर्पियो को टक्कर मारी। इस पर वे खेतों में भाग गए लेकिन विशनाराम की गैंग ने पीछा किया। आगे तारबंदी आ जाने से हम गाड़ी छोड़कर भाग गए। भागते हुए राजू मांजू को विशनाराम की गैंग ने पकड़ लिया। उससे मारपीट कर जान से मारने की नीयत से फिर हमला किया। स्कॉर्पियो को टक्कर मारकर पूरी तरह क्षति ग्रस्त कर दिया।
पुरानी है दुश्मनी
राजू मांजू और विशनाराम जालोड़ा के बीच बरसों पुरानी अदावत है। विशनाराम के दस साल तक भंवरी प्रकरण में जेल में बंद था। ढाई माह पूर्व विशानाराम के जमानत पर जेल से बाहर आ गया। बाहर आते ही उसने फिर से अपनी गैंग के पुराने साथियों को एकत्र करना शुरू कर दिया। कल के हमले से जाहिर है कि उसकी सक्रियता बढ़ रही है। वहीं विशनाराम की अनुपस्तिथति में राजू मांजू ने अपना कारोबार काफी बढ़ा लिया। ऐसे में दोनों के बीच पुरानी अदावत फिर से ताजा हो उठी।
भंवरी के शव को लगाया था ठिकाने
विशनाराम व उसके साथियों ने ही मिलकर भंवरी के शव को जला दिया और उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया था। इस मामले में पकड़े जाने के एक साल बाद ही कोर्ट में पेशी पर लाए जाने के दौरान विशनाराम की गैंग के कुछ साथियों ने जोधपुर के कोर्ट परिसर में पुलिस पर हमला बोल दिया। गोलियां चलाते हुए वे कैलाश जाखड़ को भगाने में सफल रहे, लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण विशनाराम भाग नहीं सका था। पुलिस ने जवाबी गोलियां दाग विशनाराम को दबोच लिया।

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