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शहर में रात को खुल्लमखुला सडक़ पर चलता जुआ, पुलिस मुकदर्शक

पुलिस में हमारी है सेटिंग हमें जुए खेलने से कोई नहीं रोकता
बीकानेर। दिपावली का त्यौहार आते ही शहर भर में जुएबाजी का खेल चरम पर पहुंच गया है जबकि अभी तक दिपावली दूर है लेकिन जुआरियों ने अभी सेअपना खेल शुरु कर दिया है। शहर के मोहता चौक, बड़ा बाजार, आचार्य का चौक, नत्थुसर गेट के बाहर व अंदर, वाल्मीकि बस्ती, हरलोई हनुमान मंदिर केपास, करमीसर रोड़, मुरलीधर व्यास नगर, जस्सूसर गेट के बाहर व अंदर सहित कई ऐसे इलाके है जहां देर रात तक सडक़ पर पासों से जुए खेला जा रहा है।मजे की बात तो यह है कि शहर के कोतवाली व नयाशहर थाना देर रात तक गश्त करता है लेकिन सडक़ पर खेल रहे जुआरियों को नहीं रोकते है। जबकि उनकी आंखों के सामने बड़े स्तर पर जुआ चलता रहता है। अगर देखा जाये तो सबसा बड़ा जुए का अड्डा मोहता चौक जहां शाम से लेकर देर रात सडक़ पर बनी चौकियों पर खुलेआम जुए का खेल होता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक निवासी ने बताया कि हमने पुलिस थाने फोन भी किया लेकिन मौके पर कोई पुलिसकर्मी नहीं आया। जुआरी कहते है थाने में हफ्ता देते है तो पुलिस क्यों आयेगी। उसने बताया कि मोहता चौक में बनी प्रोल के अंदर रात को देर तक जुए व अन्य गलत गतिविधियां होती है जिससे पूरा इलाका भयभीत है लेकिन स्थानीय पुलिस की नजर नहीं पड़ रही है। पहले भी कई बार थाने में शिकायत गई है लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा है अब देखते है नये थानाधिकारी संजय सिंह आये है क्या वो जुए रोकने में कामयाब होते है।
देर रात तक खुलने वाली चाय व खाने पीने वाली दुकान में सैकड़ों की तादाद में भीड़
देर रात जुआरियों को चाय से लेकर ठंडा व खाने के आइटम आराम से मिलते है और वहीं पास में जुए का खेल लगा लेते है और यह जुए सुबह चार बजे तक खुला रहता है। थानाधिकारी नवनीत सिंह ने अपने कार्यकाल में करीब दो महिने दुकानें बंद करवाने में सफल रहे लेकिन कहते है शहर कोतवाल अपना तो डर काहे का जब राठौड़ी का रुतबा चलता है तो फिर दुकानों को कौन बंद करवा सकता है।
जुआरियों को मिलता है राजनीतिक संरक्षण
कई बार ऐसे देखा है पुलिस कही पर भी जुआ पकड़ती है तो पुलिस के थाने पहुचाने से पहले ही रातनीति से जुड़े लोग पहुंच जाते है या फोन पर ही अपना रुतबा दिखाते नजर आते है इससे जुआरियों के हौसले बुंलद हो गये है।

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