जुआ-सट्टे का मकडज़ाल, खाईवाल हो रहे मालामाल, खिलाड़ी ‘कंगाल’

जुआ-सट्टे का मकडज़ाल, खाईवाल हो रहे मालामाल, खिलाड़ी ‘कंगाल’

कुशाल सिंह मेड़तिया
खुलासा न्यूज,बीकानेर। लखपति बनने के लालच में लोग अपनी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई लूटा रहें हैं। जिले में शहर से लेकर ग्रामीण अंचल के दूरस्थ इलाकों में जुआ और सट्टे का मकडज़ाल फैल चुका है। अकेले शहर में ही दर्जनों स्थानों पर बेरोकटोक जुआ-सट्टे के अड्डे संचालित हैं। जहां गरीब और मध्धयम वर्ग के अलावा खानदानी रहीस परिवारों के युवा मोटा पैसा कमाने के लालच में फंस कंगाल हो रहें हैं। सामाजिक बुराई का रूप ले चुके जुआ और सट्टे के खिलाफ पुलिस आए दिन कार्रवाई करती है, लेकिन यह अवैध कारोबार थमने के बजाए बढ़ रहा है।
जुआ और सट्टे के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि किसी भी एरिया में पुलिस को सेट किए बगैर धंधा नहीं चलाया जा सकता है। वे लोग अपने संपर्क सूत्रों के माध्यम से थानाप्रभारी का दबदबा देखकर रकम तय करते हैं। यह रकम लाखों में होती है। वही उप निरीक्षक,सहायक उप निरीक्षक से लेकर सिपाही तक को उनके पद के हिसाब से एक महीने बंदी के तहत रकम तय करते हैं। जिससे उनका धंधा चलता रहता है। इसके बाद पुलिस उन पर किसी तरह कोई भी दबाव नहीं बनाती। हां,अगर उच्चाधिकारियों का दबाव हो, तो पुलिस के जानकार उन्हें कुछ समय के लिए स्थान बदलने के लिए आगाह कर देते हैं।
खाईवाली कर रहें हजारों लोग
सट्टे के खेल में खाईवाल की भूमिका बड़ी होती है । सट्टा खेलने वाले जो नंबर लगाते हैं,उसमें खाईवाल जिस नंबर पर ज्यादा पैसा लगा होता है उसको छोड़ कर कर बाकी नंबरों पर लगे रकम को खुद रख लेता है। उससे खाईवाल के जेब में में सट्टे की लगभग 50 प्रतिशत रकम आ जाती है। इस रकम से वह अपने से वह अपने गुर्गों व अन्य लोगों में बंटवारा कर अपना धंधा निर्बाध गति से चलाता है। अकेले बीकानेर शहर में हजारों लोग खाईवाली का काम करते हैं।
होली की दस्तक, जुटने लगे जुआरी-
रंगो के पर्व होली का काउंट डाउन शुरू होते ही जुए की बिसात जमने लगी है। हैसियत के हिसाब से जुआरी जुए की बिसात सजाने में जुट गए हैं। शहर ही नहीं आसपास के गावों में दर्जनों स्थानों पर होली और धूलंडी पर ताश के पत्तों पर दांव लगा जुआ खेला जाता है। कुछ सिटी के अंदर बताए जा रहे हैं तो कुछ आउटर एरिया में हैं। सारे अड्ड़े पर जुआरी जुटने लगे हैं, जो अपनी-अपनी हैसियत के अनुसार जुए पर रकम लगा रहे हैं। चंद मिनट में कोई मालामाल हो जाता है तो कोई कंगाल। कंगाल और मालामाल के इस अवैध गेम को रोकने के लिए पुलिस सक्रिय हो चुकी है।

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