
चिरंजीवी में इंसानों का फ्री इलाज, पशुओं का अब तक नहीं







बीकानेर. एक तरफ तो सरकार चिरंजीवी योजना के तहत इंसानों का फ्री में इलाज किया जा रहा है तो वहीं पशुओं के लिए अभी तक नि:शुल्क इलाज नहीं किया जा रहा है। ऐसे में शहर में लंपी का कहर बढ़ने से रोजाना सैकड़ों गायों की मौत हो रही है। लेकिन सरकार व प्रशासन की ओर से अभी तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है। शहर के हर गली-चौराहों पर लंपी बीमारी से ग्रसित गायें देखने को मिल रही है। वहीं कई समाजसेवी लोग सुबह से शाम तक लंपी ग्रसित गायों की सेवा में लगे हुए है। इसके साथ ही मृत पशुओं को उठाने के लिए भी दो से तीन हजार रुपए लिए जा रहे है। बीकानेर के वेटरनरी विश्वविद्यालय में लंपी बीमारी नियंत्रण के लिए बन रही दवाएं पशुपालकों को नहीं मिल रही है। दवा खरीद के लिए पशुपालकों से रुपए वसूले जा रहे हैं, जिसके खिलाफ गुरुवार को बड़ी संख्या में पशुपालक जिला कलक्टर से मिले। उनका आरोप है कि गायों के मरने से उनकी आर्थिक स्थिति पहले से खराब है और दवा खरीदने के लिए उनके पास रुपए नहीं है। कलक्टर ने इस बारे में वेटरनरी विश्वविद्यालय से बातचीत करने का आश्वासन दिया। कलक्टरी सभागार में बड़ी संख्या में पशुपालक पहुंचे। गोपालकों ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास संतोषजनक नहीं है। गांव और ढाणियों में गायों की देखभाल करने के लिए डॉक्टर्स नहीं पहुंच रहे हैं। जो दवाएं सरकार की ओर से दी गई है, उनका भी कोई खास असर देखने को नहीं मिला है। वहीं बीकानेर के वेटरनरी युनिवर्सिटी की दवा कुछ हद तक कारगर साबित हो रही है। इस दवा की कीमत इतनी ज्यादा है कि गरीब पशुपालक नहीं ले पा रहा। पांच सौ रुपए की ये दवा अब पशुपालकों को फ्री देने की मांग उठ रही है। कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल से मिलकर पशुपालकों ने ज्यादा से ज्यादा और नि:शुल्क उपलब्ध कराने की मांग की है। पशुपालकों ने हर गोशाला में लंपी वार्ड बनाने की मांग की है ताकि बीमार गायों को अलग से रखा जा सके और उनकी देखभाल हो सके। राष्ट्रीय जय गौ माता सेवा समिति के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से गायों को शीघ्र फ्री दवा देने की मांग की है।


