
फ्री मोबाइल-राशन किट योजना हो सकती है बंद, छोटे जिले खत्म करने की तैयारी







फ्री मोबाइल-राशन किट योजना हो सकती है बंद, छोटे जिले खत्म करने की तैयारी
जयपुर। भजनलाल सरकार अपनी पहली वर्षगांठ से पहले 4 बड़े फैसले करने की तैयारी में है। कांग्रेस सरकार के आखिरी छह महीनों में चलाई गई लोक लुभावन स्कीमों को बंद करना लगभग तय माना जा रहा है। इस मामले में मंत्रियों की कमेटी भी जल्द रिपोर्ट देने वाली है। एसआई भर्ती, गहलोत राज के जिलों और वन स्टेट-वन इलेक्शन को लेकर भजनलाल सरकार जल्द फैसला करने की तैयारी में है, इसके लिए अलग-अलग स्तरों पर काम चल रहा है।
गहलोत राज के आखिरी छह महीनों के कामकाज की समीक्षा का काम पूरा हो चुका है। रिव्यू के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी रिपोर्ट फाइनल कर जल्द ही सीएम भजनलाल शर्मा सौंपेगी। उस रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। सिफारिशों के आधार पर कांग्रेस राज के आखिरी छह महीनों में किए गए फैसलों को रद्द करने या जारी रखने पर फैसला करेगी।
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1. फ्री मोबाइल-राशन किट पर परमानेंट ब्रेक लगना लगभग तय
मंत्रियों की कमेटी गहलोत राज की महिलाओं को दिए जाने वाले फ्री स्मार्टफोन की योजना को बंद करने के पक्ष में है। कमेटी अपनी रिपोर्ट में इस स्कीम को बंद करने की सिफारिश कर सकती है। कमेटी का मानना है कि चुनावी वक्त में लॉन्च की गई ऐसी स्कीम को जारी रखने का औचित्य नहीं है। इसके अलावा फ्री राशन किट स्कीम को भी कमेटी आगे जारी रखने के पक्ष में नहीं है। इन दोनों स्कीम्स को कांग्रेस राज में चुनावी साल के दौरान शुरू किया गया था।
2. नए जिले पर रिव्यू का काम लगभग पूरा, आधा दर्जन छोटे जिले खत्म होने के आसार
कांग्रेस राज के दौरान बनाए गए जिलों के रिव्यू का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। जिलों के लिए बनी कैबिनेट सब-कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कांग्रेस राज के दौरान बनाए गए आधा दर्जन छोटे जिलों को बड़े जिलों में मर्ज करने की सिफारिश होना लगभग माना जा रहा है। जिलों की रिव्यू कमेटी में शामिल मंत्रियों ने कई बार इस बात के संकेत दिए कि गहलोत राज के छोटे जिलों को मर्ज करना ही बेहतर रहेगा।
ऐसे में अब जब कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी, तो उसमें छोटे जिलों को खत्म या मर्ज करने की सिफारिश शामिल होगी। जो जिले मापदंडों पर खरे उतर रहे हैं, उन्हें बरकरार रखा जाएगा। पूर्व आईएएस ललित के पंवार कमेटी ने गहलोत राज के जिलों को मापदंडों के हिसाब से एग्जामिन किया था, उस रिपोर्ट को भी मंत्रियों की कमेटी ने बड़ा आधार बनाया है।
अब सरकार जल्द उस पर फैसला करने की तैयारी में है, क्योंकि इसके लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा है। इसके बाद 1 जनवरी से जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के आदेश के कारण प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज हो जाएंगी, जिसके कारण वार्ड तक की सीमा नहीं बदल सकेगी। सरकार इस समय सीमा से पहले नए जिलों पर फैसला करने की तैयारी में है।


