जमीन का सौदा कराने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी, मामला दर्ज - Khulasa Online जमीन का सौदा कराने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी, मामला दर्ज - Khulasa Online

जमीन का सौदा कराने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी, मामला दर्ज

श्रीगंगानगर। कालियां निवासी व सदर थाना के हिस्ट्रीशीटर आदतन ठगी के अरोपी कन्हैयालाल मेघवाल के खिलाफ जवाहरनगर थाना में फिर जमीन के सौदे के नाम पर 11 लाख 50 हजार रुपए धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। इस बार उस पर 4 जैड निवासी दो फौजी भाईयों से ठगी के आरोप हैं। पीडि़त फौजियों की ओर से एसपी परिस देशमुख को मिलकर पीड़ा बताई गई। इस पर एसपी के आदेश से जवाहरनगर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। साधुवाली चौकी प्रभारी एएसआई विजयकुमार मामले की जांच कर रहे हैं। परिवादी 4 जैड प्रथम निवासी दयानंद पुत्र सुभाषचंद्र जाट ने मुकदमा दर्ज करवाया है।
इसमें बताया है कि परिवादी की कालियां निवासी रोशनलाल पुत्र चानण राम मेघवाल से करीब 2 साल से जान-पहचान थी। परिवादी ने इनको अपनी पुश्तैनी जमीन राजगढ़ तहसील की बेचान करवाकर श्रीगंगानगर में जमीन दिलवाने को कहा।
रोशनलाल ने कालियां निवासी आरोपी कन्हैयालाल मेघवाल पुत्र राजूराम को अपना विश्वासपात्र रिश्तेदार तथा प्रोपर्टी के सौदे करवाने वाला बताकर मिलवाया। कन्हैयालाल ने परिवादी को बताया कि उसकी पुत्रवधू सुगन देवी राजस्व विभाग में पटवारी है और उसकी किसानों में अच्छी पैठ है। उसी दिन कन्हैयालाल ने अपनी पुत्रवधू पटवारी सुमनदेवी से फोन पर बात करवाई। पटवारी सुमनदेवी ने फोन पर बताया कि चक 15 जेड में ताराचंद स्वामी पुत्र रामकरण स्वामी की जमीन बिकाऊ है।
5.50 लाख बीघा के हिसाब से कर लिया था 19 बीघा का सौदा
5 सितंबर 2022 की शाम को परिवादी अपने भाई राजेंद्र को साथ लेकर 15 जैड गए। आरोपी कन्हैयालाल अपनी नैक्सोन कार आरजे 31 सीबी 8855 में चालक बजरंग गोदारा, चरणजीत सिंह व एक अन्य कैलाश खान तथा परिवादी तथा परिवादी का भाई कार में 15 जैड ताराचंद स्वामी पुत्र रामकरण के घर चले गए। वहां आरोपी ताराचंद तथा उसका बेटा भूपेंद्र व ताराचंद की पत्नी मौजूद थे। जमीन के सौदेे को लेकर बातचीत हुई। ताराचंद तथा उसके बेटे ने साथ ले जाकर खेत दिखाया तथा वापस लौटकर उनके घर पर बैठकर 19 बीघा जमीन का 5 लाख 50 हजार रुपए प्रति बीघा के हिसाब से सौदा तय हो गया। परिवादी ने साई पेटे 11 हजार रुपए मौके पर ही दे दिए। तब आरोपी कन्हैयालाल ने कहा कि जमीन का सौदा बड़ा है और कम से कम एक लाख रुपए साई पेटे दिया जाना उचित रहेगा। करारनामा लिखवाते समय 10 लाख रुपए देने होंगे। परिवादी ने श्रीगंगानगर लौटकर 40 हजार रुपए कन्हैयालाल तथा उसके साथ मौजूद लोगों को सौंप दिए। शेष 50 हजार खाते में ट्रांसफर कर दिए। परिवादी तथा उसका भाई करारनामा के लिए शेष रकम का इंतजाम करने लग गए। कुछ समय बाद कन्हैयालाल का फोन आया और बताया कि जमीन बेच रही पार्टी को रुपयों की जरूरत है उनको देनदारियां चुकानी हैं। इसलिए रुपयों का इंतजाम जल्दी करना होगा। आरोपी कन्हैयालाल ने कहा कि अगर परिवादी के पास रुपयों का इंतजाम होने में समय लग रहा है तो वह अपने पास से ताराचंद जमीन मालिक को रुपए देकर परिवादी के नाम करारनामा लिखवा देता है लेकिन इसके बदले में कन्हैयालाल ने रकम का ब्याज लिए जाने की बात कही। परिवादियों ने विश्वास में आकर ताराचंद से कन्हैयालाल को करारनामा अपने नाम लिखवाने का कह दिया। परिवादियों ने बाद में कन्हैयालाल को 11 लाख रुपए करारनामा के उसके बैंक खाते में जमा करवाकर लौटा दिए लेकिन अब जमीन का मालिक ताराचंद स्वामी और कन्हैयालाल जमीन की रजिस्ट्री करवाने से मुकर गए हैं और परिवादी से धोखाधड़ी की है। पुलिस ने बताया कि कन्हैयालाल सदर थाने का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ धोखाधड़ी के 10 से अधिक मुकदमे पहले से दर्ज हैं।

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