
बीकानेर: नकदी पकड़े जाने के डर से खेतों में ही बिक रही चालीस फीसदी मूंगफली, देखें वीडियो






बीकानेर: नकदी पकड़े जाने के डर से खेतों में ही बिक रही चालीस फीसदी मूंगफली, देखें वीडियो
बीकानेर। जिले की मूंगफली पर निर्भर बड़ी मंडी बीकानेर अनाज मंडी, ऊनमंडी, लूणकरनसर और श्रीडूंगरगढ़ में मूंगफली की आवक शुरू हो चुकी है। दशहरा से दीपावली के बीच अनाज मंडियों में करीब एक लाख बोरी तक आवक पहुंच जाती है। इस बार चुनाव आचार संहिता की सख्ती के चलते किसान मूंगफली को मंडी तक लाने में कतराने लगा है। वह मूंगफली बेच कर 50 हजार रुपए से ज्यादा की नकदी लेकर घर जाते समय रास्ते में पुलिस नाके पर राशि जब्त होने की आशंका से घबरा रहा है। श्रीगंगानगर मार्ग मंडी में रोजाना बीस हजार बोरी मूंगफली आ रही है। इसके साथ ही बीकानेर ऊनमंडी यार्ड, लूणकरनसर और श्रीडूंगरगढ़ में मिलाकर करीब 20-25 हजार बोरी की आवक है। कुल मिलाकर जिले में मंडियों में 40 से 50 हजार बोरी की आवक हो रही है। दूसरी तरफ, करीब 40 फीसदी माल किसान अपने खेत से सीधे व्यापारी को तुला रहे हैं। कुछ किसान एक साथ मूंगफली मंडी में लाने की जगह पिकअप या ट्रैक्टर ट्रॉली में 20-20 क्विंटल लाकर बेच रहा है। इससे मूंगफली बेचने पर छोटी रकम मिलती है। कुछ का सामान मंडी से खरीद लेता है। शेष 50-50 हजार रुपए दो-तीन लोग अलग-अलग कर अपने घर ले जाते हैं। वह अपनी मेहनत की मूंगफली को बेच कर मिले पैसे पिकअप में बोरियों में छिपाकर या अन्य किसी तरह चोरी-छिपे लेकर अपने घर जाता है। जबकि किसान के पैसे का चुनाव में दुरुपयोग होने की आशंका बहुत कम है। व्यापारी भी पूरी खरीद के पक्के बिल व पर्ची आदि नहीं देते। ऐसा करने पर उसे शत-प्रतिशत हिसाब रखना पड़ता है। वह बैंक से भुगतान करना चाहे, तो किसान नहीं लेते। साथ ही किसान को भाव भी कम देते हैं।

