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तकनीकी विवि के पूर्व कुलपति ने अपने चाहतों को सेवानिवृति से पहले मलाई वाले पद सौंपे सभी आदेशों को तुरंत किये निरस्त

बीकानेर। बीकानेर तकनीकी विवि के पूर्व कुलपति ने 3 मई को अपनी सेवानिवृत्ति से ठीक पहले कुछ ऐसे आदेश किए जो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का उल्लंघन थे। ऐसे नीतिगत निर्णय थे जिनके लिए राजभवन ने पहले ही मना किया था। ऐसे निर्णय थे जो बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में नहीं रखे भी नहीं गए थे। बोम की बैठक के बाद कुलपति ने आदेश जारी कर गए। इनमें दो कालेजों के प्राचार्य और कुलसचिव का बदला जाना तथा एक अधिकारी को एपीओ किया जाना खास था। उनकी सेवानिवृत्ति के अगले ही कुलसचिव ने उनके सारे आदेश निरस्त भी कर दिए। तीन मई को रिटायरमेंट था 1 मई को किए थे आदेश। 4 मई को कर दिए गए निरस्त। बीटीयू के कुलपति अम्बरीश शरण 3 मई को सेवानिवृत्त हो गए। उससे चार दिन पहले ही उन्होंने विवि का दीक्षांत समारेाह आयोजित कराया। दीक्षांत समारोह में डिग्रियों के अनुमोदन के लिए बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक बुलाई जिसमें कुछ ऐसे मुद्दे रखे जिन पर राजभवन ने चर्चा और उन्हें पारित कराने से मना कर दिया था। मना करने के पीछे हवाला दिया गया था कि सेवानिवृत्ति के 3 महीने पहले कोई कुलपति नीतिगत निर्णय नहीं कर सकता।
राज्यपाल के नॉमिनी के हस्तक्षेप के बाद वहां तो कुछ फैसले नहीं हो पाए मगर कुलपति ने एक मई को कई आदेश एक साथ जारी कर दिए। उसमें सबसे बड़ा फेरबदल रहा, दो कॉलेजों के प्राचार्य और कुलसचिव का बदला जाना। कुलपति ने इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ बीकानेर में प्राचार्य डॉ.संजय बंसल को नया प्राचार्य और डॉ.नरपतसिंह शेखावत को नया कुलसचिव बनाने का आदेश जारी कर दिया था। यहां मनोज कुढ़ी प्राचार्य थे। इनको हटाने के पीछे कुलपति ने कुछ गड़बड़ी की आशंका भी जताई और इसकी जांच के लिए एक क मेटी गठित करने का भी हवाला भी दिया था। अजमेर गल्र्स कॉलेज में प्राचार्य जितेन्द्र डीगवाल को हटाकर प्रकृति त्रिवेदी और कुलसचिव हिमांशु की जगह गौरव पाठक को बनाने के आदेश जारी किए। इसके अलावा सीईटी में प्राचार्य का जो चार्ज खुद कुलपति के पास था वो डॉ.धर्मेन्द्र यादव को सौंप दिया। डॉ. पूनियां को एपीओ किया
बीटीयू में कार्यरत डॉ.अजीत पूनियां को पूर्व कुलपति ने एपीओ कर उन्हें तकनीकी शिक्षा विभाग में भेजने का आदेश भी जारी कर दिया था। राज्यपाल के प्रमुख शासन सचिव को लिखे पत्र में न्याय प्रक्रिया और न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए कुलपति ने उन्हें तकनीकी शिक्षा विभाग को सुपुर्द करने के आदेश जारी किए थे। कुलसचिव की ओर से सभी आदेश निरस्त होने के साथ ये भी आदेश निरस्त हो गया। एक मई को जैसे ही कुलपति ने आदेश जारी किया तो सुरेन्द्र जाखड़ ने दो मई को ही राजभवन समेत कई जगह कुलपति की एक्टिविटी की शिकायत कर दी थी। बोम में मुद्दे उठे नहीं, लिया फैसला एक मई को कुलपति ने ये तमाम आदेश जारी किए लेकिन 3 मई को उनकी सेवानिवृत्ति हुई और एमबीएम जोधपुर के कुलपति प्रो.अजय कुमार शर्मा के पास जैसे ही कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार पहुंचा तो 4 मई को ही बीटीयू के कुलसचिव ने पूर्व कुलपति के सभी आदेश निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। कुलसचिव ने आदेश के नीचे लिखा कि ये सक्षम स्तर से स्वीकृत हैं यानी मौजूदा कार्यवाहक कुलपति के निर्देश पर ही आदेश जारी हुए हैं।

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