बीकानेर संभाग के इस जिले में बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट, कई गांवों को करवाया खाली, स्कूलों में छुट्टियां
खुलासा न्यूज। हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद घग्घर नदी उफान पर है। हरियाणा के ओटू हैड से छोड़े जा रहे 25 हजार क्यूसेक पानी से हनुमानगढ़ जिले में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। इसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र के आसपास के गांव और शहरों में बाढ़ नियंत्रण टीमें निगरानी में जुटी है। हालांकि बारिश नहीं होने और हरियाणा राज्य में जगह-जगह घग्घर नदी टूटने के कारण ओटू हैड पर पानी की आवक कुछ कम हुई है। डायवर्जन के जरिए भी घग्घर नदी में प्रवाहित हो रहा कुछ पानी इंदिरा गांधी नहर परियोजना में छोड़ा जाएगा। घग्घर में पानी की अधिक आवक को देखते हुए जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार सिहाग के नेतृत्व में जिले का प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर है। सुरक्षा की दृष्टि से शनिवार को हनुमानगढ़, टिब्बी व पीलीबंगा में स्कूलों की छुट्टी रही।
ओटू हैड से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा लगातार बढ़ाए जाने से जिला प्रशासन और सतर्क हो गया। शुक्रवार शाम को 25 हजार क्यूसेक पानी छोडऩे की सूचना मिलने के बाद से ही प्रशासन की ओर से घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र के गांव पन्नीवाली, पीरकामडिय़ा, शेरेकां, कमरानी, अमरपुरा थेहड़ी, मक्कासर, करणीसर, सहजीपुरा, बहलोलनगर, सात व तीन एसएनएम, 23, 26 व 29 एसटीजी व आसपास के चकों को खाली करने को लेकर आदेश जारी कर दिए गए थे। इसके बाद देर रात तक खुद कलेक्टर रुक्मणि रियार सिहाग और एसपी सुधीर चौधरी ने घग्घर बहाव क्षेत्र के कई गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों से बाढ़ की आशंका के मद्देनजर अपने रिश्तेदारों अथवा प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत शिविरों में शिफ्ट होने के लिए समझाइश की। इसके बाद घग्घर के निचले इलाकों के ग्रामीण सुरक्षित जगह पर चले गए।
शनिवार को भी कलेक्टर और एसपी के नेतृत्व में पूरा प्रशासन बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए घग्घर बहाव क्षेत्र में सक्रिय रहा। कलेक्टर रुक्मणि रियार सिहाग और एसपी सुधीर चौधरी ने टिब्बी के शेरेकां क्षेत्र का निरीक्षण कर अधिकारियों व ग्रामीणों को उचित दिशा-निर्देश दिए। हालांकि इस समय गुल्लाचिक्का हैड पर पानी की मात्रा घटने से हनुमानगढ़ में बाढ़ का खतरा कम हो गया है। नदी में बह रही केली पानी के बहाव को कम कर रही है, जिससे परेशानी बढ़ रही है। हालांकि एक्सक्वेटर मशीन के जरिए इसे हटाने का काम किया जा रहा है। राजस्थान क्षेत्र में इस बार करीब 30 हजार क्यूसेक पानी की आवक की संभावना है, जबकि राजस्थान सरकार के पास करीब 20 से 25 हजार हजार क्यूसेक पानी का प्रबंधन करने की व्यवस्था है। इस स्थिति में बाढ़ के खतरे महसूस किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने सेना के तीन दलों को बुला लिया है।