पहले 5 दवा विक्रेताओं को गाड़ी में बैठाया फिर दो को क्यों छोड़ा, सवालों के घेरे में एसओजी

पहले 5 दवा विक्रेताओं को गाड़ी में बैठाया फिर दो को क्यों छोड़ा, सवालों के घेरे में एसओजी

खुलासा न्यूज, बीकानेर।  बीकानेर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप SOG ने तीन स्टॉकिस्ट को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य को हिरासत में लेने के बाद एक बार छोड़ दिया। आला अधिकारियों ने कोरोना के चलते उम्रदराज आरोपियों से बीकानेर में ही पूछताछ करने के निर्देश दिए हैं।

दबाव में हुई कार्रवाई

इससे पहले पांच आरोपियों को SOG ने हिरासत में जयपुर लेकर गाड़ी में बिठा लिया था लेकिन बाद में इनको वापस उतार लिया गया। बाद में तीन को ही गिरफ्तार किया गया। इस पर मीडिया ने सवाल उठाया कि दबाव में आकर दो को छोड़ा जा रहा है। इस पर SOG की ASP दिव्या मित्तल ने कहा कि मुझे दस दिन पहले फाइल मिल चुकी थी, लेकिन अब तक किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।

अब मीडिया भी असमंजस में

एसओजी की कार्यवाही काफी चर्चा में है। पहले 5 दवा विक्रेताओं को गाड़ी में बैठाया फिर Adsp दिव्या मित्तल ने बयान दिया कि पांचों को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर छोड़ दिया गया। कोरोना के चलते ले जाना उचित नहीं था, इसलिए यहीं पर पूछताछ और क्रॉस चेक होगा। बकायदा इंटरव्यू में ये बात कही गई। उसके बाद अब फिर 3 दवा विक्रेताओं की गिरफ्तारी की बात कही। मित्तल फार्मा के तीनों बताए जा रहे है। अब मीडिया भी असमंजस में क्या सही और क्या गलत।

क्या है आरोप

दरअसल, बीकानेर के पांच स्टॉकिस्ट पर आरोप है कि करीब पांच सौ दस इंजेक्शन की हेराफेरी की गई है। इन लोगों ने जिनके नाम से इंजेक्शन बताये हैं, उन्होंने इंजेक्शन खरीद से इनकार कर दिया। बीकानेर के अलावा राजस्थान से बाहर भी दो अस्पतालों को ये इंजेक्शन बेचे गए हैं। राज्य के कई जिलों में भी इंजेक्शन बेचने की पुष्टि हो रही है।

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