ओपन जेल में जलाई अंगीठी, दम घुटने से मासूम की मौत, परिवार के सदस्य मिले बेहोश - Khulasa Online ओपन जेल में जलाई अंगीठी, दम घुटने से मासूम की मौत, परिवार के सदस्य मिले बेहोश - Khulasa Online

ओपन जेल में जलाई अंगीठी, दम घुटने से मासूम की मौत, परिवार के सदस्य मिले बेहोश

श्रीगंगानगर। शहर की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे एक बंदी के ढाई साल के बच्चे की सोमवार को ओपन जेल में दम घुटने से मौत हो गई। बंदी परिवार सहित इस ओपन जेल में रह रहा था। वह यहां करीब 11 माह से था। उसके साथ उसकी पत्नी, बेटा और बेटी भी रह रहे थे। बेटा और बेटी जुड़वां थे।
रात को सोया परिवार, सुबह मिला बेहोश
बंदी दिनेश शाह ( 40 ) बिहार के समस्तीपुर जिले के पलकपुरा का रहने वाला है। उसे हत्या के आरोप में 29 सितम्बर, 2015 को श्रीगंगानगर जेल लाया गया था। वर्ष 2020 तक उसका चाल चलन ठीक पाए जाने पर उसे 18 दिसम्बर, 2020 को नरसिंहपुरा मांझूवास के ओपन जेल में भेजा गया था। रविवार रात वह पत्नी सीमा (35) और ढाई साल के दो जुड़वां बच्चों के साथ खुली जेल में बने कमरे में सोया था। उसने सर्दी के कारण रात को अंगीठी जलाई और कमरा बंद कर लिया। कमरा बंद होने के कारण रात को चारों का दम घुट गया।
देर तक नहीं उठे तो जेल के अधिकारियों ने ली जानकारी
दिनेश के परिवार के सदस्य देर तक नहीं उठे तो जेल से जुड़े कर्मचारियों ने इसकी जानकारी ली। कमरे का दरवाजा खोलकर किसी तरह से तीनों को देखा तो बेहोश मिले। तीनों को शहर के सरकारी अस्पताल लाया गया। जहां दिनेश के बेटे शुभम को मृत घोषित कर दिया गया जबकि दिनेश, उसकी पत्नी सीमा और बेटी काजल का सरकारी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
गौशाला में रह रहा था बंदी
बंदी दिनेश शाह को गांव नरसिंहपुरा मांझूवास स्थित गोशाला में चल रहे खुला बंदी शिविर में शिफ्ट किया गया था। जेल सुपरिनटैंडैंट मोइनुद्दीन पठान ने बताया कि बंदी को हत्या के एक मामले में छह साल पहले 2015 में श्रीगंगानगर जेल भेजा गया था। वर्ष 2020 में उसे खुला बंदी शिविर में शिफ्ट करने के बाद वह वहीं पर काम करता था। उसकी निगरानी जेल का प्रतिनिधि दैनिक हाजिरी लेकर कर रहा था।

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