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30-31 की रात को आसमान से धरती पर गिरेंगे आग के गोले

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक दावे ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। नासा के मुताबिक 30 और 31 मई को आसमान से धरती पर उल्कापिंडों की बारिश होगी। नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक 20 साल बाद उल्‍कापिंडों की इतनी जोरदार चमक आकाश में देखने को मिल सकती है। 5 महीने पहले राजस्थान के ही नागौर जिले की धरती पर आसमान से गिरते उल्का पिंड की तस्वीरें कैद हुई थीं। वह फुटेज स्पेस रिसर्चर और साइंटिस्ट के लिए बेहद उपयोगी साबित हुई थी।

अहमदाबाद में स्थित इसरो की फिजिकल रिसर्च लेब के साइंटिस्ट डॉक्टर नरेंद्र भंडारी के साथ काम कर रहे एस्ट्रो एंथोसिएस्ट ग्रुप के सीनियर स्पेस रिसर्चर प्रतीक त्रिवेदी ने बताया कि सब कुछ हिसाब से रहा तो ये उल्कापिंडों की बारिश राजस्थान में 30 मई और 31 मई को आधी रात के बाद 3 बजे से दिखाई देगी।नासा ने बताया है कि 30 और 31 मई को ताऊ हर्क्युलिड्स उल्‍कापिंडों की धरती पर बारिश होगी। ये उल्‍कापिंड SW-3 धूमकेतु से निकलेंगे और धरती की ओर आएंगे। इस धूमकेतु की पहचान कई साल पहले दो जर्मन खगोलविदों ने की थी। उन्‍हीं के नाम पर इसका नाम SW-3 रखा गया। यह धूमकेतु 5.4 साल में सूर्य की एक परिक्रमा करता है। इसे 1935 से 1974 के बीच कम से कम 8 बार देखा गया था। यह मार्च 1979 में फिर दिखाई दिया, इसके बाद 1995 में देखा गया। यह उस समय पहले की तुलना में 600 गुना ज्‍यादा चमकदार नजर आया था। अब यह धूमकेतु कई भागों में बंट गया है। नासा ने बताया कि 31 मई की रात में हर घंटे 1000 उल्‍कापिंडों के बारिश की संभावना है। नासा के मुताबिक सोमवार और बुधवार की रात ये उल्‍कापिंड धरती पर तेजी से गिरेंगे।

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