आखिर इतने घंटों के बाद किसान के शव को उतारा नीचे, प्रशासन व परिजनों के बीच बनी सहमति

आखिर इतने घंटों के बाद किसान के शव को उतारा नीचे, प्रशासन व परिजनों के बीच बनी सहमति

आखिर इतने घंटों के बाद किसान के शव को उतारा नीचे, प्रशासन व परिजनों के बीच बनी सहमति
बीकानेर। जिले के बमहाजन समीपवर्ती साबनियां में मंगलवार रात करीब 10 बजे 11 केवी विद्युत लाइन की चपेट में आने से काल का ग्रास बने किसान का शव आखिरकार 27 घंटे बाद देर रात करीब एक बजे विद्युत तारों से उतारकर महाजन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
गौरतलब है कि साबनियां निवासी हंसराज मेघवाल मंगलवार रात को करीब 9-10 बजे अपने खेत से घर लौट रहा था। गांव के पास ही 11 केवी की विद्युत लाइन एकदम नीची होने व अंधेरा होने से किसान इस लाइन की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौत हो गई। बुधवार सुबह मृतक के परिजनों व ग्रामीणों को घटना की जानकारी मिली। तब घटना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए व पुलिस प्रशासन व विद्युत निगम के अधिकारियों को मामले की सूचना दी। सूचना मिलने पर महाजन पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही लूणकरणसर तहसीलदार विनोद पूनिया, महाजन नायब तहसीलदार सुंदरपाल गोदारा, विद्युत निगम के अधिशाषी अभियंता गिरधारीलाल सियाग, महाजन सहायक अभियंता राजेंद्र लेघा, कनिष्ठ अभियंता भूपेंद्र जोशी, लूणकरणसर सीओ नरेंद्र पूनिया, सीआई गणेश बिश्नोई, महाजन एएसआई ईश्वर सिंह आदि भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने मौके पर टैंट लगाकर धरना लगा दिया व शव को नहीं उठाने दिया। मौके पर तनाव पूर्ण हालात को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया था।
एक करोड़ रुपए मुआवजा व नौकरी की रखी थी मांग-
घटना स्थल पर लगाए धरने में बैठे ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से पीडि़त परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, निगम के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग रखी थी। मांग नहीं माने जाने तक मौके से शव नहीं उठाने पर ग्रामीण अड़े रहे। धरने में प्रभुदयाल सारस्वत, सुभाष सियाग, साबनियां सरपंच प्रतिनिधि छगनलाल सियाग सहित कई नेता भी शामिल हुए। बुधवार शाम तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता हुई लेकिन ग्रामीण नहीं माने। लूणकरणसर उपखंड अधिकारी दयानंद रूयल भी शाम को मौके पर पहुंचे व धरने पर बैठे लोगों से वार्ता की। उपखंड अधिकारी के साथ कई दौर की वार्ता के बाद आखिरकार रात को करीब एक बजे समझौता हो गया।
17 लाख रुपए मुआवजा व संविदा पर नौकरी-धरने पर बैठे मृतक के परिजनों व ग्रामीणों के साथ उपखंड अधिकारी ने कई दौर की वार्ता की। देर रात प्रशासन ने पीडि़त परिवार को 17 लाख रुपए की आर्थिक सहायता व परिवार के दो सदस्यों को संविदा पर नौकरी देने आश्वासन दिया। जिस पर सहमति बन गई। सहमति बनने के बाद देर रात को शव को विद्युत तारों से उतारकर महाजन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। गुरुवार सुबह शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

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