
महिला श्रमिक को बायोमास से प्लांट से हटाया, कंपनी फर्जी नियमों का हवाला दे रही है





महिला श्रमिक को बायोमास से प्लांट से हटाया, कंपनी फर्जी नियमों का हवाला दे रही है
छत्तरगढ़। छत्तरगढ़ के बायोमास प्लांट से महिला श्रमिकों को हटाए जाने के विरोध में मंगलवार को उन्होंने उपखंड अधिकारी (एसडीएम) को ज्ञापन सौंपा। महिला श्रमिकों ने आरोप लगाया है कि एक निजी कंपनी ने ‘महिला श्रमिकों को काम पर नहीं रखने’ का फर्जी नियम बताकर उन्हें जबरन नौकरी से निकाल दिया।
श्रमिकों का कहना है कि वे पहले से नियमित रूप से काम कर रही थीं और अपने कार्य को पूरी ईमानदारी से निभा रही थीं। इसके बावजूद ठेकेदार ने उन्हें यह कहकर बाहर कर दिया कि अब महिलाओं को काम पर नहीं रखा जाएगा, जबकि प्लांट के अन्य विभागों में अब भी महिलाएं कार्यरत हैं।
महिला श्रमिकों ने यह भी बताया कि 27 अगस्त 2025 को श्रमिक आपूर्ति के लिए तय की गई शर्तों में कहीं भी महिला श्रमिकों को न लगाने का जिक्र नहीं था। इसके बावजूद कंपनी ने मनमानी करते हुए उन्हें बेरोजगार कर दिया।
महिलाओं ने अपनी शिकायत में कहा कि जहां एक ओर सरकारें महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर और आरक्षण देने की बात करती हैं, वहीं निजी कंपनियां फर्जी नियम बनाकर उनके रोजगार छीन रही हैं।
ज्ञापन में महिलाओं ने मांग की है कि मौके पर जांच कर कंपनी की मनमानी पर रोक लगाई जाए और उन्हें दोबारा कार्य पर बहाल किया जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।

