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राजस्थान में कोरोना, ब्लैक फांगस के बाद एक ओर खतरें की आशंका

जोधपुर। पश्चिमी राजस्थान में एक बार टिड्‌डी हमले का खतरा मंडरा रहा है। ईरान में पाकिस्तान से सटे बॉर्डर के पास टिड्‌डी के कुछ समूह पनप रहे हैं। इनके इसी महीने के अंत तक पाकिस्तान में घुसने की आशंका बताई जा रही है। इसके बाद ये भारत में आ सकते हैं। पिछले लगातार दो सालों से हो रहे टिड्‌डी हमले में पश्चिमी राजस्थान में फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। युक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि इथोपिया और सोमालिया में इन दिनों हो रही बारिश के चलते बड़ी संख्या में टिड्डियों को पनपने का मौका मिला है। हालांकि अंडों से बाहर निकलते ही इन्हें खत्म करने का अभियान चलाया जा रहा है। वहीं दक्षिण-पश्चिमी ईरान में अनुकूल मौसम के बीच बड़ी संख्या में टिड्डियों ने अंडे दे रखे हैं। इनमें से हॉपर बाहर निकलना शुरू हो गए हैं। इन्हें मारने के लिए ईरान में भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है।माानसून में टिड्डियों के लिए अनुकूल होंगी परस्थितियां कृषि संगठन का मानना है कि कुछ युवा टिड्‌डी समूह पाकिस्तान की तरफ बढ़ जाएंगे। तब तक पाकिस्तान में मानसून भी सक्रिय हो जाएगा। उस समय इनके लिए आगे बढऩे की सभी परिस्थितियां अनुकूल होंगी और ये भारत में प्रवेश कर जाएंगे। जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में पश्चिमी राजस्थान में भी मानसून सक्रिय हो जाएगा। ऐसे में इन्हें पर्याप्त नमी मिलती रहेगी। संगठन ने कहा है कि हालांकि इस बार टिड्डियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले काफी कम रहने का अनुमान है। भारत में टिड्डी दल पाकिस्तान से होकर बाड़मेर-जैसलमेर में प्रवेश करता है। इन दोनों जिलों में प्रशासन ने टिड्डियों से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।पिछले दो सालों में पश्चिमी राजस्थान में टिड्डियों ने जबरदस्त हमला  बोला था। लाखों की संख्या में आए टिड्‌डी समूहों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। इन्हें मारने के लिए पहली बार इंडियन एयरफोर्स तक की मदद लेने की नौबत आ गई थी। राजस्थान से आगे बढ़े कुछ टिड्‌डी समूह पूरे देश में फैल गए थे। बाद में किसानों ने सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला इनका खात्मा किया था।

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