
राजस्थान में ब्लैकआउट की आशंका: अब इस प्लांट की यूनिट भी हुई ठप,






जयपुर। राजस्थान में बिजली संकट इतना गहरा गया है कि ब्लैकआउट हो सकता है। प्रदेश में आंधी और तेज हवाएं रुकते ही एक बार फिर भीषण बिजली संकट खड़ा हो गया है। आज से बिजली कटौती भी फिर शुरू हो गई है। विंड पावर प्लांटों से पिछले 2-3 दिन से मिल रही 2500-2600 मेगावट बिजली अचानक घटकर आज 100 मेगावाट पर आ गई है। बीती रात से सुबह के बीच करीब 500 मेगावाट विंड एनर्जी मिल रही थी। जो दोपहर होने तक हवा की स्पीड घटने से केवल 100 मेगावाट पर आ गई है। अचानक ठप हुए विंड पावर जनरेशन से सीधे 2500 मेगावाट बिजली की किल्लत पैदा हो गई है।
मौसम बदलने, बादलों और बारिश से गर्मी से कुछ राहत के बाद मंगलवार को बिजली की मांग में 1500 मेगावाट की कमी थी। इसलिए भी इंडस्ट्री और कृषि को छोडक़र बिजली कटौती नहीं की गई। अब बिजली की अधिकतम डिमांड फिर से 14 हजार मेगावाट से ऊपर जा सकती है। इसलिए कटौती शुरू हो गई है।बिजली किल्लत का क्या पड़ेगा असर ?
बिजली की बड़ी किल्लत का असर सीधे तौर पर 1.52 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। विद्युत निगम सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में करीब 1 करोड़ 19 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। जबकि कॉमर्शियल 14 लाख, इंडस्ट्रियल 3.54 लाख उपभोक्ता हैं। एग्रीकल्चर के 15.41 लाख के करीब बिजली कनेक्शन हैं। सभी कैटेगरी पर बिजली कटौती की मार पड़ेगी। क्राइसिस रहने तक ग्रामीण क्षेत्रों में 6 से 8 घंटे तक पावर कट रह सकती है। कृषि के लिए 4-4 घंटे के स्लॉट में बिजली सप्लाई जारी रखी जा सकती है। इंडस्ट्री को 8 घंटे तक बिजली लिमिट की जा सकती है। घरेलू और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को घोषित और अघोषित तौर पर 4 घंटे तक पावर कट का सामना करना पड़ सकता है। इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से छूट रहेगी।


