आज से 18 दिन तक व्रत और त्योहारों की रहेगी धूम

आज से 18 दिन तक व्रत और त्योहारों की रहेगी धूम

बीकानेर। आज से 12 नवंबर तक पर्व-त्योहारों की धूम मची रहेगी। धनतेरस से आरंभ त्योहारों का मौसम कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहेगा। इस दौरान भक्ति-भाव में डूबे श्रद्धालुगण दीपावली, भैया- दूज, छठ और कार्तिक पूर्णिमा तक त्योहार का आनंद ले सकेंगे। व्रत और त्योहार जीवन में सुख- समृद्धि के साथ खुशहाली लेकर आते हैं। व्रतों का पारायण करने से आध्यात्मिक उन्नति के साथ अंत में मोक्ष के मार्ग को भी प्रशस्त करता है। धर्म, समाज और जीवन का अभिन्न अंग भी माना है।

27 अक्टूबर कालीपूजा
काली पूजा इस बार रविवार को है। इस दिन अमावस्या का प्रवेश काशी पंचांग के अनुसार दिन के 11.52 मिनट और मिथिला पंचांग 11.03 मिनट पर प्रवेश हो रहा है। 28 अक्टूबर सोमवार को काशी पंचांग के अनुसार सुबह 9.43 और मिथिला पंचांग के अनुसार सुबह 9.54 बजे तक अमावस्या है।

28 अक्टूबर अन्नकूट
दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है। वेदों में इस दिन वरुण, इंद्र, अग्नि आदि देवताओं की पूजा का विधान है। इस दिन बलि पूजा गोवर्धन पूजा आदि होते हैं। गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई है।

29 अक्टूबर भैया-
यह पर्व भाई के लंबी उम्र से संबंधित है। कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया के दिन बहनें भाइयों के स्वास्थ्य तथा लंबी आयु की कामना करते हुए तिलक लगाती है। यमुना की बेटी ने अपने भाई यमदूत को भोजन कराया था, इसलिए इसे यम द्वितीया भी करते हैं।

31 अक्टूबर से 3 नवंबर
चार दिवसीय छठ का शुभारंभ व समापन होगा। 31 अक्टूबर को नहाय-खाय, पहली नवंबर को खरना, 2 नवंबर अस्ताचल सूर्य को अघ्र्य और 3 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य का चार दिवसीय महापर्व छठ है। यह पति, बेटा-बेटी व स्वजनों से संबंधित व्रत है।

4 नवंबर गोपाष्टमी
कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी गोपाष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन सुबह गाय को स्नान कराक र विभिन्न प्रकार के माला अथवा अलंकारों से अलंकृत कर पुष्प, धूप, दीप से पूजन करने पर मनोवा ंछित फल की प्राप्ति होती है।

5 नवंबर जगधात्री पूजा
पांच नवम्बर मंगलवार को जगधात्री माता की पूजा बंगाली समाज की ओर से की जाती है। इसी दिन अक्षय नवमी यानी औरा नवमी व्रत है। इसमें आंवला वृक्ष की पूजा-अर्चना की जाती है। 8 नवम्बर को देवोत्थान एकादशी व्रत है। देवोत्थान एकादशी से शादी विवाह का मुहूर्त शुरू हो जाऐगा।

बैकुंठ चतुर्दशी 11 नवंबर
बैकुंठ चतुर्दशी व्रत करने से मनुष्य सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है और उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इस दिन नदी के तट पर 14 दीपक जलाने का विधान है।

12 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा 12 नवम्बर को है। इस दिन गंगा स्नान करने, शाम में दीपदान करने का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन लोग गंगा स्नान करके अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं।

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