
किसानों का एसडीएम कार्यालय पर महापड़ाव, पूर्व मंत्री बोले- जेल जाना पड़ेगा तो मिलेगा पानी




खुलासा न्यूज नेटवर्क। राजस्थान के अनूपगढ़ क्षेत्र में किसानों ने सिंचाई पानी की मांग को लेकर घड़साना एसडीएम कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू कर दिया है। किसानों की मुख्य मांग है कि उनकी गेहूं, चना और जौ की फसलों के लिए दो बार सिंचाई पानी दिया जाए। किसान नेता सुनील गोदारा के अनुसार, फसलें पकाव की स्थिति में हैं और समय पर सिंचाई न मिलने से फसल खराब होने का खतरा है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद मेघवाल ने सरकार के 1 फरवरी को सिंचाई पानी बंद करने के निर्णय की आलोचना की। उन्होंने बताया कि डैम में 1308 क्यूसेक पानी उपलब्ध है, जबकि पिछली बार 1270 क्यूसेक पानी की उपलब्धता में भी किसानों को सिंचाई पानी दिया गया था। रावला, घड़साना, अनूपगढ़, पूगल, दंतोर और खाजूवाला के किसान इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।
किसान नेता सत्यप्रकाश सियाग ने भाजपा पर किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर न होने का आरोप लगाया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे एसडीएम कार्यालय का कामकाज भी ठप कर देंगे। पूर्व मंत्री मेघवाल ने कहा कि चाहे उन्हें जेल जाना पड़े या आंदोलन करना पड़े, वे किसानों के लिए सिंचाई पानी की व्यवस्था करवाकर ही रहेंगे।
वही विधायक शिमला नायक ने कहा कि राजस्थान सरकार ने नहरों में सिंचाई बंद कर यहां के किसानों के साथ अध्याय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार यहां के किसानों को उजाडऩा चाहती है मगर वह ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने महापड़ाव में कहा कि यह किसानों के पेट की लड़ाई है और इस लड़ाई को मिलकर लड़ा जाएगा। किसानों के महापड़ाव के दौरान अन्य किसान नेताओं ने भी किसानों को संबोधित किया वहीं सुरक्षा की दृष्टि से 8 थानों का पुलिस जाब्ता मौके पर मौजूद है।




