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साल में सिर्फ दो माह इस घास का इस्तेमाल कर किसान बचा सकते हैं अपनी फसल

धोरों में इन दिनों किसान फसलों को सर्दी से बचाव के लिए नई तकनीक अपना रहे है. जिससे उनकी फसल को कोई नुकसान नहीं हो और फसल का उत्पादन सही हो. बीकानेर व आस पास के इलाको में किसान पाला पड़ने के बचाव के लिए सरगना घास का इस्तेमाल कर रहे हैं. दिसंबर से फरवरी मध्य तक राजस्थान में पाला पड़ता है जिससे फसलों को ज्यादा नुकसान होता है.

किसान उमरदीन ने बताया कि खेतों में इन दिनों सब्जी की फसल की बुवाई की हुई है. अक्टूबर में फसल की बुवाई की थी. इसमें लौकी, खीरा, खरबूजा, ककड़ी, तर ककड़ी की बुवाई की हुई है. अब फसल लगभग तैयार है और एक माह में फसल को काट लेंगे. 24 से 25 बीघा में फसल लगा रखी है. जिसमें से यह 7 बीघा में सरगना घास से फसल को ढका यानी कवर किया है. सर्दी और पाला पड़ने के बचाव के लिए यह घास लगाई गई है.

40 हजार रुपए में बाहर से मंगवाते हैं यह घास
किसान उमरदीन बताते हैं कि पाला पड़ने से बचाव के लिए यहां खेत में फसल को बचाने के लिए घास मंगवानी पड़ी. यह जयपुर और हरियाणा से मंगवाते है. यह घास 40 हजार रुपए की पड़ गई है जिसमें एक मिनी ट्रक भर कर घास आ जाती है. यह घास नहर के किनारे उग जाती है. यह घास एक तरह से जंगली घास होती है इसकी कोई खेती नहीं होती है.

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