
ब्लॉस्ट के साथ फैक्ट्री की पट्टियां टूटी, देर रात तक सुलगती रही आग; आसपास के लोग जान बचाकर भागे





ब्लॉस्ट के साथ फैक्ट्री की पट्टियां टूटी, देर रात तक सुलगती रही आग; आसपास के लोग जान बचाकर भागे
नागौर। कोतवाली थाना इलाके के लुहारपुरा स्थित एक प्लास फैक्ट्री में रविवार रात अचानक लगी भीषण आग से इलाके में दहशत मच गई। फैक्ट्री के पास रहने वाले लोग घरों से बाहर निकल आए और आग की लपटों को जान बचाने के लिए भागते दिखाई पड़े। सूचना पाकर करीब एक घंटा देरी से दमकल और कोतवाली थाने से पुलिस का जाप्ता पहुंचा, और आग पर नियंत्रण पाने के प्रयास किए। जिसके बावजूद रात 12 बजे तक आग सुलगती रही। जहां सोमवार सुबह नुकसान का जायजा लिया गया। जिसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है। प्रारंभिक नुकसान 30 लाख का बताया जा रहा हैं। हालांकि इसका अभी आंकलन नहीं किया गया है। कोतवाली प्रभारी जीतेन्द्र सिंह ने बताया प्लास फैक्ट्री में साढ़े सात बजे आग लगी। कारण अस्पष्ट है, लेकिन प्रथम कारण शॉर्ट सर्किट सामने आ रहा है। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इलाके की विद्युत सप्लाई भी बंद करवा दी गई है।
ब्लॉस्ट के साथ फैक्ट्री की पट्टियां टूटी
भीषण आग के बीच अचानक हुए ब्लॉस्ट से फैक्ट्री में छत की पट्टियां टूटती चली गईं। बताया गया कि पहला ब्लॉस्ट सिलेंडर का था। इसके बाद अन्य पट्टियां आग से टूटती चली गईं। फैक्ट्री से दो सिलेंडरों को बाहर निकाला गया। इससे बड़े हादसे बच गए। फैक्ट्री के भीतर आग बुझाने के लिए बचाव दल फैक्ट्री की खिड़की एवं दरवाजों को तोड़-तोड़कर भीतर तक घुसे। आग से कारखाने में रखा हुआ प्लास्टिक का सामान एवं अन्य सामग्री जलकर राख हो गई। बताया गया कि नुकसान लाखों में हैं। इसकी असली हकीकत आग शांत होने के बाद ही लगेगी। वहीं आग लगने के स्पष्ट कारण भी अभी तक सामने नहीं आए हैं। क्योंकि फैक्ट्री पूरी तरह बंद थी। ऐसे में आग लगने के कारणों भी अस्पष्ट हैं।
फायर ब्रिगेड के साथ 5 पानी के टैंकर और एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची
भीषण आग पर काबू पाने के जिला मुख्यालय पर अप्रभावी इंतजाम दिखाई पड़े। जो दमकल पहुंची उसका कुछ देर में ही पानी खत्म हो गया। इसके बाद वह दोबारा पानी भरने गई तो आधे घंटे तक आग पर काबू पाने के किसी तरह के प्रयास नहीं हुए। इस तरह आधे घंटे तक फैक्ट्री भभकती रही। बाद में मूण्डवा से भी दमकल पहुंची। इस तरह तीन दमकल आग पर काबू पाने के प्रयासों में लगी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस-प्रशासन ने टैंकरों को बुलाने के भी कई प्रयास किए, लेकिन मौके पर घंटों तक कोई नहीं पहुंचा। इसके बाद बड़ी मुश्किलों से 5 टैंकर पहुंचे। जो पानी लाने में जुटे रहे। इसके अलावा तीन एम्बुलेंस की गाडिय़ां भी पहुंची।
लोगों ने धुंआ और लपटें उठती देखी तो दी सूचना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार फैक्ट्री बंद थी। शाम 7:30 बजे लोगों ने कारखाने से धुंआ एवं आग की लपटें उठती देख सूचना फैक्ट्री मालिक अख्तर हुसैन, मोहम्मद हुसैन (ग्लोबल टूल्स सेंटर) एवं पुलिस, प्रशासन को सूचना दी। फैक्ट्री में टूल्स तो बनते ही हैं। इसके अलावा टूल्स पर प्लास्टिक के कवर भी चढाएं जाते हैं। इसके चलते बड़े पैमाने पर टूल्स के पीवीसी कवर भरे हुए थे। इसके अलावा विभिन्न प्रकार का केमिकल, गत्ते सहित अन्य सामान भी भरा हुआ था। आग पीवीसी प्लास्टिक की केमिकल, गत्ते एवं अन्य तक पहुंचने में आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत भी हुई। आग से लाखों का नुकसान आंका गया है। असली हकीकत आग बुझने के बाद ही आएगी।


