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श्रीडूंगरगढ़ की फर्म से खरीदे मंहगे गद्दे व बेड,1800 का गद्‌दा 2800 में व 3500 का बेड 4000 रुपए में

चूरू। आर्थिक संकट से जूझ रही राज्य सरकार को चूरू के चिकित्सा विभाग ने कोरोना काल में 34 लाख रुपए का झटका दिया। चिकित्सा विभाग ने बिना योजना के कोविड-19 के बजट से कोविड केयर एवं क्वारेंटाइन केंद्र के लिए 500 बेड और 500 गद‌्दे एकमुश्त खरीद डाले, जिनका एकबार भी उपयोग नहीं हुआ।चिकित्सा विभाग की मानें तो 500 में से 150 बेड का ही उपयोग कोविड केयर केंद्र एवं क्वारे ंटाइन सेंटर पर अल्प समय के लिए हुआ। अक्टूबर के बाद से तो उनका उपयोग भी बंद सा हो गया। फिलहाल सारे बेड और गद‌्दे नर्सिंग ट्रेनिंग केंद्र में कबाड़ बने हुए हैं। दो फरवरी को कलेक्टर ने कोविड केयर व क्वारेंटाइन सेंटर को बंद कर दिया।इस मामले में पड़ताल की तो सामने आया कि जून में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने प्रत्येक ब्लॉक में 100-100 बेड का कोविड केयर केंद्र खोलने की प्लानिंग को देखते हुए आनन-फानन में उक्त खरीदारी कर डाली।
उस समय तक तो चूरू और सरदारशहर ब्लॉक को छोड़कर अन्य किसी ब्लॉक में कोविड केयर केंद्र के लिए स्थान तक चिह्नित नहीं किए गए। यहां तक सितंबर में कोविड के चरम पर पहुंचने के बावजूद राजगढ़ (अल्पकाल) को छोड़ अन्य कहीं कोविड केयर केंद्र नहीं खुले। सरदारशहर के दुगड़ चिकित्सालय पर बेड व गद्दों और भोजन की व्यवस्था स्थानीय स्तर की थी। उसमें चिकित्सा विभाग को कोई बजट खर्च नहीं करना पड़ा। सीएमएचओ ऑफिस के स्टोर कीपर वीरेंद्रसिंह ने बताया कि 500 बेड और 500 गद्दे 30 जून को श्रीडूंगरगढ़ की एक फर्म से खरीदे गए। इनकी आवक इसी तिथि को हुई, जबकि 50 बेड तत्कालीन कलेक्टर संदेश नायक की अनुशंषा पर आपदा कोष से खरीदे गए।
एक बेड की कीमत 4000 रु. व प्रति गद्दे की खरीद 2800 रु. चुकाई
तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. भंवरलाल सर्वा के कार्यकाल में 500 बेड प्रति चार हजार एवं 500 गद‌्दे प्रति 2800 रुपए की लागत से खरीदे गए। गद‌्दों की खरीद पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जयपुर के केके हेल्थ केयर के राजेश यादव ने बताया कि तीन से चार इंच मोटे क्वालिटी के गद्‌दे 1800 से 2000 रुपए तक व सामान्य बेड 3800 रुपए प्रति नग की कीमत पर तैयार किए जा सकते हैं।
सीएमएचओ बोले-अब सीएचसी-पीएचसी से डिमांड लेकर बेड और गद्‌दे भिजवाएंगे
सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि बेड और गद्दों की खरीदारी जून में हुई। उस समय वे सीएमएचओ नहीं थे। अब इन बेड और गद्दों का उपयोग कलेक्टर से मार्गदर्शन लेकर सीएचसी और पी एचसी में डिमांड लेकर किया जाएगा।

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