नहर में आया कटाव, सैकड़ों बीघा भूमि हुई जलमग्न - Khulasa Online नहर में आया कटाव, सैकड़ों बीघा भूमि हुई जलमग्न - Khulasa Online

नहर में आया कटाव, सैकड़ों बीघा भूमि हुई जलमग्न

जैतसर। 75 बीघा में सरसोंं की फसल को नुकसान, रात 12 बजे तक 90 प्रतिशत कटाव बांधा गया आईजीएनपी की सूरतगढ़ शाखा में शुक्रवार सुबह 4 बजे कटाव आने से सैकड़ों बीघा भूमि जलमग्न हो गई। शुक्रवार देर रात तक कटाव को पाटने का काम जारी था। ग्राम पंचायत 3 एसएडी में आरडी 275 के पास किसानों ने शुक्रवार सुबह 4 बजे सूरतगढ़ शाखा में कटाव देखा।
खेत में सिंचाई की बारी लगा रहे किसानों ने जल उपभोक्ता संगम अध्यक्ष व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नहर में कटाव की जानकारी दी। नहर में कटाव के समय 1800 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। इससे पहले की मरम्मत का काम शुरू हो पाता। यह कटाव करीब 65 फीट चौड़ा हो गया। देर रात 12 बजे तक 90 फीसदी मरम्मत हो चुकी थी।
शनिवार से नहर में फिर से पानी पूर्ववत आपूर्ति होने की उम्मीद की जा रही है। कटाव की जानकारी मिलने पर जल उपभोक्ता संगम मालसर के अध्यक्ष तरसेम सिंह, ग्राम पंचायत 3 एसएडी सरपंच पूर्णचंद लीलड, किसान रामस्वरूप बिश्नोई, पवन बारूपाल, जसविंदर सिंह, रामकुमार, देवेंद्र सिंह, रामसिंह मोटा, अनिल शर्मा सहित अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
सूचना मिलने पर मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ अमरजीतसिंह मेहरड़ा, एसई रामसिंह, एक्सईएन अभियंता केएल बैरवा, एईएन सावरमल, जेईएन राकेश पारीक, अनिल कुमार, रामस्वरूप, नायब तहसीलदार तेजपाल पारीक, सीआई विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे।
परेशानी…नहर में आए कटाव को पाटने के लिए पानी कम किया
अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर 4 फोग लेन, 2 एस्केवेटर व 4 डंपर से नहर के कटाव को पाटने का काम शुरू करवाया। नहर में लक्खूवाली हैड से पानी कम करवाया। नहर में कटाव की जानकारी मिलते ही विधायक बलवीर लूथरा भी मौके पर पहुंचे। राहत कार्यों का जायजा लिया। रात तक नहर में कटाव को 90 प्रतिशत तक पाट दिया गया था।
सूरतगढ़ शाखा में कटाव होने के कारण केंद्रीय राज्य फार्म की 150 बीघा से अधिक भूमि जलमग्न हो गई। जलमग्न हो गई। इसमें से आधी में सरसों का बिजान है। खास बात यह है कि जमीन भले ही केंद्रीय फार्म की है, लेकिन किसान इसे ठेके पर लेकर काश्त कर रहे हैं। ऐसे में अंकुरित सरसों की फसल के रूप में किसानों को ही नुकसान हुआ है।
कटाव से सैकड़ों किसानों की बारियां प्रभावित हुई हैं। विधायक बलवीर लूथरा ने चीफ इंजीनियर मेहरड़ा से पिटी हुई बारियों की भरपाई की मांग की। किसानों ने बताया कि कटाव को पाटने के लिए नहर में पानी कम किया गया। जिसकी भरपाई विभाग को करनी चाहिए।
किसान बोले…सफाई रही कटाव का कारण
गांव 3 एसएडी व 7 एलसी के किसानों ने बताया कि सूरतगढ़ शाखा का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इसी के चलते नहर के बेड व पटड़ों की सफाई हो रही है। इसी दौरान बेड डेमेज होने के कारण नहर से रिसाव हुआ। धीरे-धीरे रिसाव कटाव में बदल गया। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी कटाव के कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। पहली प्राथमिकता नहर के कटाव को पाटकर नहर में पानी प्रवाहित करना है। कटाव को पाटने के लिए प्लास्टिक बैग में मिट्टी भरकर लगाई जा रही है, ताकि इस स्थान पर फिर से कटाव न हो।,

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