
आईपीएस प्रेमसुख डेलू की हुई सगाई, खूब वायरल हो रही है इंगेजमेंट की फोटोज





खुलासा न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर जिले के नोखा तहसरील के रासीसर गांव के आईपीएस प्रेमसुख डेलू बहुत जल्द शादी के बंधन में बंधने वाले है। हाल ही में इंगजमेंट हुई है। इंगेजमेंट की फोटोज सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि पहला गुजरात पुलिस को राष्ट्रपति निशान प्रदान समारोह गुजरात पुलिस व गुजरात सरकार द्वारा आयोजित इस मारोह की कमांडिग नोखा रासीसर के लाडले प्रेमसुख डेलू ने की और परेड मैदान में अपने नए जीवन की शुरुआत की।
कांग्रेस के युवा नेता शिवलाल गोदारा से मिली जानकारी के अनुसार गर्व की बात यह है कि गुजरात के डीजीपी सहित उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में परेड मैदान में प्रेमसुख डेलू ने अपने नए जीवन की शुरुआत की और सगाई समारोह का आयोजन परेड मैदान में ही करके अपने दोनों परिवारों व सब आईपीएस साथियों और जवानों के साथ खुशी का इजहार किया ।
नौकरी लगती गई, नहीं किया ज्वाइन
प्रेमसुख डेलू ने पटवारी पद पर रहते हुए कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं दी। ग्राम सेवक परीक्षा में राजस्थान में दूसरी रैंक हासिल की, मगर ग्राम सेवक ज्वाइन नहीं किया। क्योंकि उसी दौरान राजस्थान असिस्टेंट जेल परीक्षा का परिणाम आ गया और इसमें प्रेमसुख डेलू ने पूरे राजस्थान में टॉप किया। असिस्टेंट जेलर के रूप में ज्वाइन करते उससे पहले राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर चयन हो गया।
SI की बजाय शिक्षक बने
प्रेमसुख डेलू ने राजस्थान पुलिस में एसआई के पद पर ज्वादन नहीं किया, क्योंकि उसी दौरान इनका स्कूल व्याख्याता के रूप में चयन हो गया तो पुलिस महकमे की बजाय शिक्षा विभाग की नौकरी को चुना। इसके बाद कॉलेज व्याख्याता, तहसीलदार के रूप में भी सरकारी नौकरी लगी। कई विभागों में 6 साल की अवधि में अनेक बार सरकारी नौकरी लगने के बाद भी प्रेमसुख ने मेहनत जारी रखी और सिविल सेवा परीक्षा 2015 ने 170वाँ रेंक प्राप्त किया है और हिंदी माध्यम के साथ सफल उम्मीदवार में तृतीय स्थान पर रहे है।
गरीबी इतनी कि आठवीं तक नहीं पहनी पेंट
प्रेमसुख का बचपन गरीबी में गुजरा और पढ़ाई सरकारी स्कूलों में हुई। गरीबी का आलम यह था कि आठवीं कक्षा तक प्रेमसुख ने कभी पेंट नहीं पहनी थी। नेकर में ही जिंदगी गुजरी। किसान पिता ऊंट गाड़ी चलाते थे। प्रेमसुख कहते हैं कि माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं थे, मगर मुझे पढ़ने-लिखने का भरपूत अवसर देकर काबिल बना दिया। चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। इनका बड़ा भाई पुलिस कांस्टेबल है।


