
तीन दिन में हटाना होगा अतिक्रमण, अन्यथा होगी कार्यवाही







बीकानेर। जिला स्तरीय जनसुनवाई और जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में हुई। जनसुनवाई के दौरान 138 प्रकरण प्राप्त हुए। वहीं सतर्कता समिति की बैठक में 13 प्रकरणों पर विचार विमर्श किया गया।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जनसुनवाई में जुड़कर विभिन्न दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संपर्क पर दर्ज प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के साथ इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि मार्च में संपर्क 2.0 पोर्टल प्रभावी होने के बाद कुछ जिलों की जिला स्तरीय सुनवाइयों में आशातीत प्रकरण प्राप्त नहीं हुए हैं। इसके लिए उन्होंने ऐसे जिलों के जिला कलक्टर्स को प्रकरण समयबद्ध रजिस्टर्ड करने तथा इनके नियम सम्मत निस्तारण के लिए निर्देशित किया।
मुख्य सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त होने वाले प्रकरणों को ‘फस्ट कम, फस्ट आउटÓ के सिद्धांत पर समयबद्ध निस्तारित किया जाए। इन कार्यालयों से प्राप्त सबसे पुराने प्रकरणों को सबसे पहले निस्तारित करें। उन्होंने कहा कि संपर्क 2.0 लागू होने के बाद प्रकरणों के निस्तारण में औसत 15 दिन की बजाय 19 दिन लगने लगे हैं। इसमें पुन: सुधार किया जाए। उन्होंने छह माह से अधिक समय से लंबित 43 प्रकरणों के निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता के निर्देश दिए। इनमें सर्वाधिक दस प्रकरण अजमेर और 8 जोधपुर के हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि बताया कि जोधपुर संभाग के चार जिलों फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर में प्रकरणों के निस्तारण का औसत समय 22 तथा हनुमानगढ़, झालावाड़, सीकर और डीडवाना में सबसे कम 17 दिन है। उन्होंने कहा कि प्रकरणों का वास्तविक निस्तारण किया जाए। निस्तारण सिर्फ कागजी नहीं हो। आज के तकनीकी युग में परिवादी को घर बैठे अधिक से अधिक सेवाएं मिल सकें, इस दिशा में कार्य किया जाए।
संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों से लिया फीडबैक
इस दौरान मुख्य सचिव ने संभागीय आयुक्त डॉ. रवि कुमार सुरपुर से संभाग के चारों जिलों तथा जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि से जिले में संपर्क पोर्टल से जुड़ा फीडबैक लिया। संभागीय आयुक्त ने बताया कि बताया कि बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रकरणों के निस्तारण के औसत दिन को 228 से घटाकर 24 तथा नगर निगम द्वारा 156 दिन से घटाकर 7 दिन तक पहुंचाया गया है।
जिला कलक्टर ने बताया कि कुछ समय पूर्व तक संपर्क के प्रकरणों का औसत निस्तारण समय 14-15 दिन था। जून में यह औसत घटकर 8 दिन हो गया है। जिला स्तर पर सभी संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क प्रकरणों की समीक्षा की जा रही है। मुख्य सचिव ने नगर निगम आयुक्त श्री मयंक मनीष तथा बीकानेर विकास प्राधिकरण आयुक्त श्रीमती अपर्णा गुप्ता से भी प्रकरण संबंधी फीडबैक लिया।
तीन दिन में हटाना होगा अतिक्रमण, अन्यथा होगी कार्यवाही
सतर्कता समिति की बैठक के दौरान मुक्ताप्रसाद नगर निवासी मनीराम के आवासन मंडल की भूमि पर कब्जा और अवैध निर्माण से जुड़े प्रकरण पर चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने आवासन मंडल के अधिकारियों को अगले तीन दिनों में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए पुलिस को आवश्यक जाब्ता उपलब्ध करवाने को कहा तथा निर्देश दिए कि अतिक्रमण निर्धारित समय में नहीं हटने की स्थिति में संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सूरासर के कल्याण सिंह द्वारा तरमीम के दौरान धांधली की शिकायत की जांच करते हुए सोमवार तक रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के निर्देश पूगल के उपखण्ड अधिकारी को दिए। बागानाडिया माइनर पर लगे अवैध मोघे और साइफन हटाकर माइनर को सात रोजा चलाने के प्रकरण को आईजीएनपी के मुख्य अभियंता को आवश्यक कार्यवाही के लिए भिजवाने के निर्देश दिए गए।
इसके बाद जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित हुई। इस दौरान 138 प्रकरण प्राप्त हुए। इनमें पानी, बिजली, अतिक्रमण हटाने, सीमाज्ञान करवाने, नाले साफ करवाने, विद्युत के तार दुरूस्त करने जैसे प्रकरण मुख्य थे। जिला कलक्टर ने सभी प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहन लाल, अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) रामावतार कुमावत, अतिरिक्त कलक्टर (नगर) रमेश देव, सहायक निदेशक (लोक सेवाएं) सुमन शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं सभी उपखण्ड स्तरीय अधिकारी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जनसुनवाई में जुड़े।


