इमरजेंसी-आईसीयू सेवाएं बहाल, काम पर लौटे रेजिडेंट, जानें क्या कहा चिकित्सा मंत्री खींवसर ने

इमरजेंसी-आईसीयू सेवाएं बहाल, काम पर लौटे रेजिडेंट, जानें क्या कहा चिकित्सा मंत्री खींवसर ने

खुलासा न्यूज नेटवर्क। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है। बुधवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से सचिवालय में हुई मुलाकात के बाद जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) ने आंशिक तौर पर हड़ताल वापसी का निर्णय लिया। मंत्री खींवसर ने उन्हें आश्वस्त किया कि रेजिडेंट्स के लिए 30 बॉडीगार्ड्स लगाए जाएंगे। वहीं एसएमएस पुलिस चौकी की स्ट्रेंथ भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल में राजस्थान ऐसा पहला राज्य होगा जहां डॉक्टरों के लिए ये व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कॉलेज स्तर पर कमेटी बनाए जाने, मेंटल हेल्थ सेल और कार्य बहिष्कार अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित किए जाने समेत कई मुद्दों पर सहमति बनी। बता दें कि ओपीडी, वार्ड सेवाएं और ओटी अब भी सस्पेंड रखी जाएगी।

चिकित्सा सेवाओं में सहयोग करेंगे रेजिडेंट्स
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में रेजिडेंट्स की हड़ताल होने से इमरजेंसी में समस्याओं का सामना करना पड़ा है। आज हुई वार्ता में 7 से 8 मुद्दों पर सहमति बनी है। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स इमरजेंसी और आईसीयू की सेवाओं में हमारी पूरी सहायता करेंगे। मैं सोचता हूं कि सभी राज्यों में राजस्थान ऐसा पहला राज्य हैं जहां बैठक में ये फैसले लिए गए हैं।

 

जनरल ओपीडी, रूटीन सेवाएं सस्पेंड रहेंगी
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के अध्यक्ष डॉक्टर मनोहर सियोल के अनुसार हमने राज्य में जनहित को ध्यान में रखते हुए अपनी हड़ताल को आंशिक तौर पर वापस लेने का निर्णय किया है। संगठन ने अब एसएमएस मेडिकल कॉलेज और उससे अटैच हॉस्पिटलों में इमरजेंसी सर्विस, आईसीयू, इमरजेंसी ओटी, लेबर रूम में अपनी सर्विस को बहाल किया है। हालांकि, जनरल ओपीडी, वार्ड सेवाओं और रूटीन ओटी सेवाओं में अपनी सर्विस को अभी सस्पेंड रखा जाएगा। डॉक्टर सियोल ने बताया कि ये सेवाएं नेशनल लेवल पर हमारे संगठन की ओर से कोई निर्णय लिए जाने के बाद ही बहाल की जाएगी। बता दें कि इस बैठक में हेल्थ डिपार्टमेंट की एसीएस शुभ्रा सिंह और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी भी मौजूद रहे।

इन मांगों पर बनी सहमति
मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए कॉलेज स्तर पर एक कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। ये कमेटी कॉलेज, हॉस्टल और हॉस्पिटल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर किए जाने वाले सुधार के संबंध में प्रस्ताव बनाएगी और सुझाव देगी।
चिकित्सा परिसरों में आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के लिए विभाग की ओर से गृह विभाग को पत्र लिखकर अनुरोध किया जाएगा।
NMC के द्वारा जारी नियमों के तहत राज्य के हर मेडिकल कॉलेज में मेंटल हेल्थ सेल तथा Posh Act के अंतर्गत ICC का गठन किया जाएगा। इस संबंध में सभी चिकित्सा कर्मचारियों को जागरूक किया जाएगा।
चिकित्सा कर्मचारियों और रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए केन्द्र सरकार को राज्य सरकार की तरफ से पत्र लिखा जाएगा।
कार्य बहिष्कार अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित किया जाएगा और उसकी वेतन कटौती नहीं की जाएगी।

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