
राजस्थान में पुराने जिलों के आधार पर ही होंगे चुनाव, पुराने जिलों के कलेक्टर्स के हाथ में रहेगी पूरी बागडोर






खुलासा न्यूज नेटवर्क। गहलोत सरकार ने चुनाव से पहले भले ही राजस्थान का मैप बदल दिया हो, लेकिन निर्वाचन आयोग ढाई माह बाद होने वाले विधानसभा के चुनाव पुराने जिलों के अनुसार ही करवाएगा। आयोग ने राज्य में 33 जिला निर्वाचन अधिकारी ही नियुक्त करने का निर्णय लिया है। नए जिलों के कलेक्टर भी पुराने जिलों (विभाजन से पहले जिलों में नियुक्त कलेक्टर) के कलेक्टर के अधीन रहकर चुनाव प्रक्रिया में सहयोग देंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता का कहना है कि पुराने जिलों के कलेक्टरों के हाथ में ही विधानसभा के चुनाव की पूरी बागडोर रहेगी। 33 जिलों के कलेक्टरों के लिए विशेष ट्रेनिंग गुरुवार से ही शुरू हो गई है। ओटीएस (ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल ) में दो दिन की इस ट्रेनिंग में पुराने जिलों के कलेक्टरों को ही बुलाया गया है। इन्हीं के पास नॉमिनेशन भरवाने से लेकर काउंटिंग और रिजल्ट जारी करने तक की जिम्मेदारी रहेगी। हालांकि व्यवस्थाओं के लिए ये कलेक्टर अपने अधीन जिलों के कलेक्टर को कुछ न कुछ जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। किसी भी वाद-विवाद पर आखिरी निर्णय करने का अधिकार इन्हीं जिला निर्वाचन अधिकारियों के पास रहेगा।


