
शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से की अपील, कहा- जहां भी हालात खराब लगे, वहां छुट्टी का करें फैसला, जर्जर कमरों और भवनों पर तुरंत लगाए ताला





खुलासा न्यूज नेअवर्क। राजस्थान में झालावाड़ और जैसलमेर की स्कूलों में हुए हादसों के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पूरी तरह से एक्टिव गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की बावजूद बुधवार को दिलावर ने प्रदेशभर के शिक्षकों से मानसून में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की। उन्होंने शिक्षकों से जर्जर हो चुके स्कूलों पर ताला लगाकर अवकाश करने की बात कही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि राजस्थान में फिलहाल अतिवृष्टि हो रही है। जिसकी वजह से नदी नाले उफान पर है। प्रदेश के कई स्थानों में गांवों में पानी भर गया है। कई स्थानों पर मकानों में भी पानी घुस गया है। कुछ जगह स्कूल की बिल्डिंग में भी पानी घुसने की संभावना है। इसलिए ऐसे वक्त में सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि स्कूल का जो भी कमरा आपको जर्जर लगता है, या फिर आपको लगता है, इसमें नुकसान हो सकता है। तो ऐसे कमरे में बच्चों को न बिठाए न ही उसमें खुद जाएं। बल्कि, उसके बाहर एक लाल निशान लगाकर उसके ताला लगा सील कर दीजिए।
जहां भी हालात ठीक नहीं, छुट्टी का निर्णय ले सकते हैं
दिलावर ने कहा कि जिन भी स्थान पर स्कूल छोटा है, वहां पर हालत ठीक नहीं है। वहां पर शिक्षक स्कूल की छुट्टी का निर्णय कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सक्षम अधिकारी को फोन पर सूचित करना होगा। वैसे तो सभी जिला कलेक्टर को अतिवृष्टि और बाढ़ के हालात को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में अवकाश करने की शक्तियां दी जा चुकी है। इसके बाद कई जिला कलेक्टर ने स्कूलों में छुट्टी करने का फैसला भी किया है। लेकिन जहां छुट्टी की गई है, वहां भी सावधानी बरतनी की जरूरत है। जहां छुट्टी नहीं की गई है। वहां भी सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि जब छुट्टी के बाद बच्चे स्कूल जाएंगे। तब भी वह स्कूल भवन जर्जर नहीं होना चाहिए। अगर बारिश के बाद भी स्कूल जर्जर है तो तब भी बच्चों को उसमें प्रवेश न दिया जाए। शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुरूप तब उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। ताकि बच्चों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
आने वाले दिनों में कोई भी स्कूल जर्जर अवस्था में नहीं रहेगा
दिलावर ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के जर्जर हो चुके स्कूलों की मरम्मत के लिए उदार हृदय से धनराशि उपलब्ध करवाई है। इसके बाद मुझे लगता है कि राजस्थान में आने वाले दिनों में कोई भी स्कूल जर्जर अवस्था में नहीं रहेगा, न ही किसी स्कूल में मरम्मत की आवश्यकता होगी। राजस्थान सरकार इस बात की कोशिश में जुटी है कि प्रदेश के सभी स्कूल पूरी तरह से व्यवस्थित हो जाए, जिससे स्कूल में पढऩे वाले बच्चों और उन्हें पढ़ाने वाले स्टाफ को किसी तरह की परेशानी का सामना भविष्य में न करना पड़े।


