स्कूलों से गायब हुए पांच लाख से अधिक विद्यार्थी, अब खोज रहा शिक्षा विभाग

स्कूलों से गायब हुए पांच लाख से अधिक विद्यार्थी, अब खोज रहा शिक्षा विभाग

स्कूलों से गायब हुए पांच लाख से अधिक विद्यार्थी, अब खोज रहा शिक्षा विभाग

बीकानेर। अगर कोई यह कहे कि प्रदेश के सरकारी एवं निजी स्कूलों से पांच लाख बच्चे गायब हैं। शिक्षा विभाग इनकी तलाश कर रहा है, तो शायद किसी को यकीन ही न हो। हालांकि, स्कूली विद्यार्थियों के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से बनाए गए यू डायस पोर्टल पर नजर डालते हैं, तो पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि ये बच्चे कहां चले गए हैं। स्कूल प्रबंधन ने भी इस बारे में जानकारी से इनकार कर दिया है। फिलहाल शिक्षा विभाग के अधिकारी इन बच्चों की तलाश कर रहे हैं, जबकि शिक्षा सत्र 2024-25 भी शुरू हो गया है और स्कूलों में प्रवेश भी प्रारंभ हो गए हैं। विभाग के सामने यह संकट खड़ा हो गया है कि इन बच्चों को कहां से ढूंढ कर वापस उन्हें स्कूलों में भर्ती कराएं।

क्या है यू डायस पोर्टल
केन्द्र सरकार ने स्कूली विद्यार्थियों की संख्या अपडेट करने के लिए यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजूकेशन (यू डायस) पार्टेल बना रखा है।
इसमें कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों का डाटा अपडेट किया जाता है। साथ ही इसी के माध्यम से सरकारी स्कूलों में केन्द्र सरकार की योजनाएं विद्यार्थियों तक पहुंचाई जाती हैं। स्कूलों के प्लान इसी पोर्टल के आधार पर बनाए जाते हैं।

ड्रॉप बॉक्स से पता चला…बच्चे नहीं है

हाल ही पोर्टल को देखा गया, तो प्रदेश के 18,63,293 विद्यार्थी यू डायस के ड्रॉप बॉक्स में थे। जब इस बारे में जानकारी जुटाई गई, तो यह सामने आया कि 9 लाख 67 हजार 918 विद्यार्थी अपने स्कूलों से टीसी लेकर अन्य स्कूलों में चले गए हैं। जबकि पांच लाख 7 हजार 168 विद्यार्थियों का मालूम नहीं चल रहा है कि ये बच्चे किस स्कूल अथवा किस प्रदेश में अध्ययनरत हैं। अब जब नया शिक्षा सत्र शुरू हुआ, तब स्कूलों में नामांकन बढ़ाने एवं ठहराव निश्चित करने के लिए विभाग के अधिकारियों की इस पर नजर पड़ी। विभाग की ओर से जानकारी जुटाई गई है कि प्रदेश में एक लाख 53 हजार विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जिन्होंने टीसी लिए बिना ही स्कूल छोड़ दिया। इसके बाद भी उन्होंने अन्य स्कूलों में प्रवेश ले लिया। जबकि एक लाख 30 हजार 187 विद्यार्थी ऐसे भी थे, जो टीसी लेकर नहीं गए और ड्रॉपआउट हो गए। इसके अलावा 7 हजार 735 विद्यार्थी ऐसे थे, जो जिस स्कूल में पढ़ते थे, वे स्कूल ही बंद हो गए। इस वजह से इनका भी पता नहीं चला है।

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